Hindi, asked by nm9animegh8navant, 1 year ago

An essay on Jal sankat in hindi of 80 words

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Answered by sam78611
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बिन पानी सब सून दुनिया में पानी की मात्रा बहुत ही सीमित है. इस पर ज़िंदा रहने वाली मानव जाति और दूसरी प्रजातियों को इस बात की उम्मीद नही रखनी चाहिए कि उन्हें हमेशा पानी मिलता रहेगा. धरती का दो-तिहाई हिस्सा पानी से घिरा है. लेकिन इसमें से ज़्यादातर हिस्सा इतना खारा है कि उसे काम में नहीं ला सकते. 

सिर्फ ढाई फ़ीसदी पानी ही खारा नहीं है. हैरानी की बात ये है कि इस ढाई फ़ीसदी मीठे पानी का भी दो-तिहाई हिस्सा बर्फ़ के रूप में पहाड़ों और झीलों में जमा हुआ है. अब जो बाकी बचता है उसका भी 20 फ़ीसदी हिस्सा दूर-दराज़ के इलाक़ों में है. बाकी का मीठा पानी ग़लत वक़्त और जगह पर आता है मसलन मानसून या बाढ़ से. कुल जमा बात ये है कि दुनिया में जितना पानी है उसका सिर्फ़ 0.08 फ़ीसदी इंसानों के लिए मुहैया है. इसके बावजूद अंदाज़ा है कि अगले बीस वर्षों में हमारी माँग करीब चालीस फ़ीसदी बढ़ जाएगी.

आज विश्व में तेल के लिए युद्ध हो रहा है। भविष्य में कहीं ऐसा न हो कि विश्व में जल के लिए युद्ध हो जाए। अतः मनुष्य को अभी से सचेत होना होगा। सोना, चांदी और पेट्रोलियम के बिना जीवन चल सकता है, परंतु बिना पानी के सब कुछ सूना और उजाड़ होगा। अतः हर व्यक्ति को अपनी इस जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहना है कि वे ऐसी जीवन शैली तथा प्राथमिकताएं नहीं अपनाएं जिसमें जीवन अमृतरूपी जल का अपव्यय होता हो। भारतीय संस्कृति में जल का वरुण देव के रूप में पूजा-अर्चना की जाती रही है, अतः जल की प्रत्येक बूँद का संरक्षण एवं सदुपयोग करने का कर्तव्य निभाना आवश्यक है।

Answered by Joshika2116
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