an essay on meri shaikshanik yatra
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भूमिका
शैक्षणिक यात्रा बहुत उपयोगी होती है। यह छात्रों को विभिन्न स्थानों को देखने में समर्थ बनाती है। जब वे विभिन्न स्थानों को देखते हैं तब वे बहुत बाते सीखते हैं। शैक्षणिक यात्रा उनके ज्ञान को बढ़ाती है और उनके दृष्टिकोण को उदार बनाती है। गाठ अर्श मेरे विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने एक शैक्षणिक यात्रा की व्यवस्था की। मेरे विद्यालय के बीस छात्रों ने यात्रा में भाग लेने का निश्चय किया। मैं कुछ मनोरंजक स्थानों को देखने के लिए बहुत उत्सुक था। इसलिए मैंने भी यात्रा में सम्मिलित होने का निश्चय किया।
यात्रा के लिए तैयारी
हमलोगों ने यात्रा के लिए कुछ तैयारियां की। यात्रा के लिए हमें सरकार से कुछ रुपए मिले थे। लेकिन वे हमारे खर्च के लिए पर्याप्त नहीं थे। इसलिए हमलोगों ने यात्रा के लिए रुपए दिया। हमलोगों ने किराए की छूट के लिए रेलवे के अधिकारियों के पास आवेदन-पात्र दिया। मेरे विद्यालय के प्रधानाध्यापक हमलोगों के साथ जाने को तैयार हो गए।
यात्रा
निश्चित दिन को हम स्टेशन पर एकत्र हुए। हम टिकट कटाकर गाड़ी की प्रतीक्षा करने लगे। जब गाड़ी आई तो हम एक डब्बे में चढ़ गए। हमारी यात्रा बहुत आनंददायक थी। अगले दिन हम दिल्ली पहुंचे।
देखे गए स्थान
हम एक होटल में ठहरे। हम बहुत थक गए थे। इसलिए हमलोगों ने कुछ देर तक आराम किया। तब हम तैयार होकर बाहर निकल गए। हम दिल्ली में चार दिनों तक रहे। हमलोगों ने लाल किला, संसद भवन, रेडियो स्टेशन, क़ुतुब मीनार, जंतर मंतर और बिड़ला मंदिर देखा। तब हमलोगों ने आगरा के लिए गाड़ी पकड़ी। जब हम आगरा पहुंचे तब हम रात-भर के लिए एक होटल में ठहरे। चांदनी रात थी। हमलोगों ने चांदनी में ताजमहल के सौंदर्य का आनंद उठाया। मैंने किताबों में ताजमहल के बारे में पढ़ा था, लेकिन उसे कभी नहीं देखा था। मैं उसके सौंदर्य पर मोहित हो गया। वह चांदनी में चमक रहा था। लगता था की वह चांदी का बना हुआ हो। हमारे आनंद का पारावार नहीं था। हमें लगता था की वह चांदी का बना हुआ हो। हमारे आनंद का पारावार नहीं था। हमें लगता था की हम सौंदर्य के संसार में खो गए हों। हम बहुत देर तक ताजमला को एकटक देखते रहे। आधी रात को हम अपने होटल में पहुंचे। अगले दिन हम फतेहपुर सीकरी गए। इस सुनसान शहर में जाने पर हमें दुःख हुआ। यद्यपि इस शहर के मकान भव्य हैं, फिर भी वे बिलकुल खाली है। हमें मालूम हुआ की अकबर ने चार सौ वर्ष पहले इस शहर का निर्माण किया था। लौटते समय हमने वाराणसी में उतरकर हिन्दू विश्वविद्यालय देखा। तब हम घर लौट गए।
यात्रा की उपयोगिता
हमारी शैक्षणिक यात्रा बहुत आनंददायक और उपयोगी थी। हमने कुछ मनोरंजक स्थानों को दखा। यात्रा से हमारा ज्ञान बढ़ा और हमारे दृष्टिकोण उदार हुए। हमलोगों ने जिन स्थानों की यात्रा की उनके बारे में बहुत कुछ सीखा। इस यात्रा से हमें अपने देश के इतिहास के बारे में जानकारी हुई। यह यात्रा अवश्य ही हमारे लिए एक आनंददायक अनुभव थी।
उपसंहार
प्रत्येक विद्यालय को शैक्षाणिक यात्राओं की व्यवस्था करनी चाहिए। जो विद्यालय शैक्षणिक यात्रा का प्रबंध नहीं करता वह शिक्षा का आदर्श केंद्र नहीं है।
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