An essay on problems of indian farmers and farming in hindi
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Indian farming was problem any farms I created but other farms dispoied all crops this distrabance is Indian farming problem.
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भारत की अधिकांश जनता गाँवों में रहती है। गाँववालों का मुख्य धंधा खेती है। इसलिए भारत की जनसंख्या में किसान अधिक हैं। किसानों की दशा बहुत अधिक विपत्तिग्रस्त है।
किसान चुपचाप दुःख उठाते हैं। यह सचमुच दुर्भाग्य की बात है कि जो सारे राष्ट्र को खिलाते हैं वे स्वयं भूखों मरते हैं।
पहले किसान धनी जमींदारों का खेत जोतते थे। जमींदार किसानों से ज्यादा मालगुजारी वसूल करते थे। जमीन की तरक्की के लिए वे रुपए खर्च नहीं करते थे।
किसानों को उपज के लिए वर्षा पर निर्भर करना पड़ता था। सिंचाई का कोई प्रबंध नहीं था। बाढ़ और सूखा बार-बार आते थे। इससे उन्हें बड़ा दुःख होता था। इस के अलावा किसान साल में छः महीने बेकार रहते थे। पर, बेकार समय के लिए कोई धंधा नहीं था। इन सबके फलस्वरूप भारतीय किसानों की दशा अधिक दुर्दशाग्रस्त थी।
भारतीय किसान युगों से गरीब हैं। इसलिए वे भाग्यवादी हो गए हैं। अब वे स्वयं सोचते हैं कि अपना भाग्य कैसे सुधारें।
भारतीय किसानों की एक विशेषता है, जिसका उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए। वे बहुत सीधे हैं। वे ईमानदार, अतिथि-सत्कार करनेवाले और उदार हैं।
किसान चुपचाप दुःख उठाते हैं। यह सचमुच दुर्भाग्य की बात है कि जो सारे राष्ट्र को खिलाते हैं वे स्वयं भूखों मरते हैं।
पहले किसान धनी जमींदारों का खेत जोतते थे। जमींदार किसानों से ज्यादा मालगुजारी वसूल करते थे। जमीन की तरक्की के लिए वे रुपए खर्च नहीं करते थे।
किसानों को उपज के लिए वर्षा पर निर्भर करना पड़ता था। सिंचाई का कोई प्रबंध नहीं था। बाढ़ और सूखा बार-बार आते थे। इससे उन्हें बड़ा दुःख होता था। इस के अलावा किसान साल में छः महीने बेकार रहते थे। पर, बेकार समय के लिए कोई धंधा नहीं था। इन सबके फलस्वरूप भारतीय किसानों की दशा अधिक दुर्दशाग्रस्त थी।
भारतीय किसान युगों से गरीब हैं। इसलिए वे भाग्यवादी हो गए हैं। अब वे स्वयं सोचते हैं कि अपना भाग्य कैसे सुधारें।
भारतीय किसानों की एक विशेषता है, जिसका उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए। वे बहुत सीधे हैं। वे ईमानदार, अतिथि-सत्कार करनेवाले और उदार हैं।
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