अनूच्छ लेखन [कोरोना महामारी का विद्याथी जीवन पर प्रभाव] 100 to 150 शब्द
Answers
Explanation:
(कोरोना वायरस का शिक्षा पर प्रभाव)
April 28, 2020 • डॉ. अर्चना पाण्डेय (कानपुर) • लेख
COVID-19 के बढ़ते प्रकोप और कोरोना वाइरस ने पूरे देश को लॉक डाउन के कारण घरों की चारदीवारी में क़ैद कर दिया है।इससे शिक्षा जगत सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। फरवरी से जुलाई का समय प्रयोगात्मक परीक्षा, लिखित परीक्षा, मूल्यांकन, प्रतियोगी परीक्षा, परीक्षा परिणाम, अगली कक्षाओं में प्रवेश, नयी पुस्तकें और नयी ऊर्जा के संचार के साथ विद्यार्थियों के जीवन की दिशा निर्धारण का समय होता है। वैश्विक महामारी के कारण ये सब स्थिर हो गया है। शिक्षा व्यवस्था के इस प्रतिकूल परिस्थितियों में ब्रह्मानन्द कॉलेज कानपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉo अर्चना पाण्डेय ने महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के लिए एक कॉउन्सिल सेल का गठन किया है। डॉo अर्चना ने विद्यार्थियों के मनोबल को बढ़ाने ,शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इसका गठन किया है। इसमें स्नातक एवं परास्नातक के सभी छात्र छात्राओं को संलग्न करने की व्यवस्था है। इसमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं व जानकारी के लिए प्रतिष्टित हैलेट अस्पताल के डॉक्टर सुनील को भी सहभागी बनाया है जो कि कोरोना वार्ड में निरन्तर कई दिनों तक स्वास्थ्य कार्य देख चुके हैं वो स्वास्थ्य एवं मनोवैज्ञानिक जानकारी दे रहे हैं। शिक्षा संबंधित जानकारी के लिए कॉलेज के पूर्व छात्र जो वर्तमान में IIT में अध्ययनरत है को भी जोड़ा है, जो निरंतर परीक्षा, पढ़ाई एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी दे रहे हैं। डॉo अर्चना पाण्डेय ने बताया कि इस कॉउन्सिल सेल से जुड़े विद्यार्थी समाजसेवा, ज़रूरतमंद लोगों को भोजन वितरण के कार्य भी कर रहे हैं।उन्होंने विद्यार्थियों से निरर्थक, अश्लील,साम्प्रदायिक ,फेक सूचना किसी से भी शेयर न करने काअनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के प्राचार्य भी इस माध्यम से 24 घंटे छात्र छात्राओं के सहयोग के लिए उपलब्ध