Hindi, asked by hemabasumatary49, 3 months ago

अनुच्छेद लेखन –(पुस्तकालय)​

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Answered by jhaanshika23
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Answer:

पुस्तकालय ज्ञान के मंदिर हैं। उन्नति के सभी सूत्र पुस्तकालयों में रखी पुस्तकों में सुरक्षित हैं। कोई भी विकास का इच्छुक व्यक्ति इनकी सहायता से मनोवांछित उन्नति कर सकता है। आधुनिक पुस्तकालय बहुत ही व्यवस्थित होते हैं। इसमें लाखों की संख्या में पुस्तकें संग्रहित होती हैं। ये सारी पुस्तकें विषयानुसार अलमारी में अलग-अलग राखी होती हैं। विद्यार्थियों को आरम्भ से ही पुस्तकालय का उपयोग करना सीखना चाहिए। उन्हें चाहिए की वे पुस्तकालय की नियमावली और व्यवस्था भली-भांति जान लें और उसे बनाये रखने का दृढ संकल्प करें। छात्रों को चाहिए की पुस्तकों को समय पर वापस करें। किसी और को भी उस पुस्तक की आवश्यकता हो सकती है। पुस्तकों को संभाल कर रखना चाहिए। किसी प्रकार के निशान या नोट पुस्तकालय की पुस्तकों पर नहीं लिखना चाहिए। कुछ लोग पुस्तकों के पन्ने या चित्र फाड़ लेते हैं और अपने पास रख लेते हैं जो की पूरी तरह गलत है। कुछ पुस्तकें दुर्लभ होती हैं, उन्हें चुराकर अपने पास रख लेना सामाजिक संपत्ति की चोरी समझा जाता है। मंदिर और पुस्तकालय दोनों में ही प्रवेश करते समय मन में पंक्ति की भावना होनी चाहिए। पुस्तकालय में किसी प्रकार का शोर-गुल या बातचीत नहीं करनी चाहिए। गरिमामय व्यवहार से ही पुस्तकालय का सदुपयोग हो सकता है।

Answered by Rupesh052005
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Answer:

पुस्तकालय एक स्कूल या कॉलेज का अभिन्न अंग है यह शैक्षणिक जीवन का केंद्र है यह ज्ञान का एक स्टोर-घर है यह छात्रों को अमूल्य सेवा प्रदान करता है एक कॉलेज या स्कूल की महानता पुस्तकालय से न्याय की जा सकती है। मेरे स्कूल में भी एक बड़ा पुस्तकालय है इसमें एक समय में 200 से अधिक छात्रों को शामिल करने की क्षमता है। छात्रों और कर्मचारियों के लिए अलग-अलग अनुभाग हैं इस पुस्तकालय में लगभग 60,000 पुस्तकें हैं छात्र और शिक्षक आते हैं और यहां पुस्तकों से परामर्श करते हैं। उनमें से कुछ पुस्तकों को जारी किए गए हैं। यह बैठने और अध्ययन करने के लिए सबसे अच्छी जगह है। पुस्तकालय ओलों में सही मौन है पुस्तकालय 9 बजे से 5 बजे तक खुला रहता है।

रविवार को छोड़कर सभी दिनों पर पुस्तकालय स्टाफ छात्रों के लिए बहुत मददगार है। प्रत्येक कक्षा के पास एक अनिवार्य पुस्तकालय अवधि है निष्क्रिय गपशप में अपने समय को दूर करने के बजाय, छात्रों ने पुस्तकालय की आदतों का विकास किया। योग्य और कुशल छात्र पाठ्य पुस्तकों के अतिरिक्त पुस्तकालयों की बहुमूल्य और दुष्प्राप्य पुस्तकें पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ाते हैं। हमें पुस्तकालय का सदुपयोग करना चाहिए। पुस्तकों से कागज नहीं फाड़ने चाहिएं। मुझे अपने स्कूल के पुस्तकालय पर गर्व है।

Explanation:

पुस्तकालय का अर्थ है पुस्तकों का घर। इसे लायब्ररी भी कहते हैं। यह विद्या की देवी सरस्वती का मन्दिर है। यह मनोरंजन का केन्द्र और ज्ञान का स्रोत है। निर्धन छात्रों एवं पाठकों के लिए यह वरदान है। कई लोगों को पुस्तकें पढ़ने और एकत्रित करने का बड़ा चाव होता है। वे उन पुस्तकों को स्वयं भी पढ़ते हैं और दूसरों को भी देते हैं। ऐसे पुस्तकालय निजी पुस्तकालय कहलाते हैं। कुछ पुस्तकालय संस्थाओं द्वारा खोले जाते हैं।

कुछ पुस्तकालय सरकारी भी होते हैं। पुस्तकालय में कई भाषाओं की और कई विषयों की पुस्तकें होती हैं। उनकी एक सूची होती है, जिसे देखकर छात्र पुस्तकों का चुनाव करते हैं। पुस्तकालय अध्यक्ष पाठकों को घर में पढ़ने के लिए भी पुस्तकें देते है। वहाँ एक वाचनालय भी होता है जहाँ लोग समाचार-पत्र और पत्रिकायें पढ़ते हैं। पुस्तकालय छात्रों और अध्यापकों के लिए अत्यन्त लाभदायक होते हैं। अध्यापक अपना ज्ञान विकसित करके छात्रों में बाँटते हैं।

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