अनुच्छेद - समय का सदुपयोग
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विकास की राह में समय की बरबादी ही सबसे बङा शत्रु है। एक बार हाँथ से निकला हुआ समय कभी वापस नही आता है। हमारा बहुमूल्य वर्तमान क्रमशः भूत बन जाता है जो कभी वापस नही आता। सत्य कहावत है कि बीता हुआ समय और बोले हुए शब्द कभी वापस नही आ सकते।कबीर दास जी ने कहा है कि,
समय, सफलता की कुंजी है। समय का चक्र अपनी गति से चल रहा है या यूं कहें कि भाग रहा है। अक्सर इधर-उधर कहीं न कहीं, किसी न किसी से ये सुनने को मिलता है कि क्या करें समय ही नही मिलता। वास्तव में हम निरंतर गतिमान समय के साथ कदम से कदम मिला कर चल ही नही पाते और पिछङ जाते हैं। समय जैसी मूल्यवान संपदा का भंडार होते हुए भी हम हमेशा उसकी कमी का रोना रोते रहते हैं क्योंकि हम इस अमूल्य समय को बिना सोचे समझे खर्च कर देते हैं।
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होयेगी, बहुरी करेगा कब।।
सच ही तो है मित्रों, किसी भी काम को कल पर नही टालना चाहिए क्योंकि आज का कल पर और कल का काम परसों पर टालने से काम अधिक हो जायेगा। बासी काम, बासी भोजन की तरह अरुचीकर हो जायेगा। समय जैसे बहुमूल्य धन को सोने-चाँदी की तरह रखा नही जा सकता क्योंकि समय तो गतिमान है। इस पर हमारा अधिकार तभी तक है जब हम इसका सदुपयोग करें अन्यथा ये नष्ट हो जाता है। समय का उपयोग धन के उपयोग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सभी की सुख-सुविधा इसी पर निर्भर है।
चाणक्य के अनुसार- जो व्यक्ति जीवन में समय का ध्यान नही रखता, उसके हाँथ असफलता और पछतावा ही लगता है।
समय जितना कीमती और वापस न मिलने वाला तत्व है उतना उसका महत्व हम लोग प्रायः नही समझते। परन्तु जो लोग इसके महत्व को समझते हैं वो विश्व पटल के इतिहास पर सदैव विद्यमान रहते हैं।
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Explanation:
मनुष्य के जीवन में समय की महत्वपूर्ण भूमिका है । वह व्यक्ति जो समय के महत्व को समझता है वही इसका सही उपयोग कर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है । परंतु दूसरी तरफ वे लोग जो समय की महत्ता की अनदेखी करते हैं अथवा समय का दुरुपयोग करते हैं वे जीवन पर्यत असफलता ही पाते हैं । समय उन्हें पतन की ओर धकेल देता है । अत: मनुष्य की सफलता और समय का सदुपयोग दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं प्रसिद्ध उक्ति है प्रतिस्पर्धा के आधुनिक युग में तो समय की महत्ता और भी बढ़ गई है । आज समय गँवाने का अर्थ है प्रगति की राह में स्वयं को पीछे धकेलना । प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि जो पल एक बार गुजर जाते हैं वे कभी भी वापिस नहीं लौटते । सफलता के लिए यदि व्यक्ति समय रहते प्रयास नहीं करता तो वह जीवन पर्यंत ठोकरें खाता रहता है और उसकी सफलता मृगतृष्णा की भांति उससे मीलों दूर रहती है । अत: यह आवश्यक है कि यदि संसार में हम एक अच्छा और सफल जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो हम समय के महत्व को समझें और हर क्षण को उसकी पूर्णता के साथ जिएँ । समय को यदि हम और विस्तृत रूप में समझें तो कह सकते हैं कि समय ही विश्व का निर्माता और विनाशक है । यह सदैव गतिमान है । किसी विशेष व्यक्ति के लिए यह कभी नहीं रुकता है । उसकी यह शाश्वत प्रकृति इस सृष्टि के आदि से है और भविष्य में शाश्वत बनी रहेगी ।