India Languages, asked by nethragrade8, 6 days ago

अनुछेद ठाशन मजदूर गरीब​

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Answered by rithikasaisri5
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गरीब मजदूर पर शोषण रोकने पर निबंध

गरीब मजदूर पर शोषण रोकने पर निबंध: हमारे देश के गरीब मजदूर के हालत से तो आप सभी वाकिफ ही होंगे. मजदुर की परिभाषा क्या है? दुःख, दरिद्रता, भूख, अभाव, कष्ट, मज़बूरी, शोषण और अथक परिश्रम- इन सबको मिला दें तो भारतीय मजदूर की तस्वीरें उभर कर आती हैं.भारतीय मजदूर दो वक़्त की रोटी और अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. देखा जाये तो अन्य लोगों के तुलना में सबसे ज्यादा काम मजदुर ही करते हैं लेकिन फिर भी बदले में उन्हें बहुत कम पैसे मिलते हैं. ये उनके साथ एक तरह का शोषण ही तो है जो उद्द्योगपति उनके साथ करते हैं.

इसलिए आज मै इस लेख में आपको “गरीब मजदूरों की समस्या पर निबंध” प्रस्तुत कर रही हूँ जिसमे आपको मजदूरों पर हो रहे शोषण के बारे में और उनके समाधान के बारे में जानकारी भी दूंगी. साथ ही स्कूल के बच्चे भी अपनी आवश्यकता के अनुसार इस निबंध का प्रयोग अपने लिए कर सकते हैं.

गरीब मजदुर पर शोषण रोकने पर निबंध

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गरीब मजदूर पर शोषण रोकने पर निबंध

गरीब मजदूर पर शोषण रोकने पर निबंध: हमारे देश के गरीब मजदूर के हालत से तो आप सभी वाकिफ ही होंगे. मजदुर की परिभाषा क्या है? दुःख, दरिद्रता, भूख, अभाव, कष्ट, मज़बूरी, शोषण और अथक परिश्रम- इन सबको मिला दें तो भारतीय मजदूर की तस्वीरें उभर कर आती हैं.

भारतीय मजदूर दो वक़्त की रोटी और अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. देखा जाये तो अन्य लोगों के तुलना में सबसे ज्यादा काम मजदुर ही करते हैं लेकिन फिर भी बदले में उन्हें बहुत कम पैसे मिलते हैं. ये उनके साथ एक तरह का शोषण ही तो है जो उद्द्योगपति उनके साथ करते हैं.

इसलिए आज मै इस लेख में आपको “गरीब मजदूरों की समस्या पर निबंध” प्रस्तुत कर रही हूँ जिसमे आपको मजदूरों पर हो रहे शोषण के बारे में और उनके समाधान के बारे में जानकारी भी दूंगी. साथ ही स्कूल के बच्चे भी अपनी आवश्यकता के अनुसार इस निबंध का प्रयोग अपने लिए कर सकते हैं.

गरीब मजदुर पर शोषण रोकने पर निबंध

garib mazdoor par shoshan hindi

मजदूर हमारे समाज का वह भाग है जिस पर समस्त आर्थिक उन्नति टिकी होती है. आज के मशीनी युग में भी उसकी महत्ता कम नहीं हुई है. उद्योग, व्यापार, कृषि, भवन निर्माण, पुल एवं सड़कों का निर्माण आदि सभी क्रियाकलापों में मजदूरों के श्रम का योगदान महत्वपूर्ण होता है.

एक मजदूर देश के निर्माण में बहुमूल्य भूमिका निभाता है और उसका देश के विकास में अहम् योगदान होता है. मजदूरों के बिना किसी भी औध्योगिक ढांचे के खड़े होने की कल्पना नहीं की जा सकती. इसलिए मजदूरों का समाज में अपना ही एक स्थान है, लेकिन आज भी देश में मजदूरों के साथ अन्याय और शोषण होता है.

उन्नत देशों के मजदूर और भारत के मजदूर में जमीन आसमान का अंतर है. वहां के मजदुर भी सम्मानित हैं. उसके पास सुख साधनों की कमी नहीं है. उन्नत देशों में मजदूरी बहुत मेहेंगी है. वहां मजदूर कम और काम अधिक है इसलिए बड़े-बड़े पूंजीपति, मालिक और नागरिक मजदूर के इर्द-गिर्द घुमते हैं तथा उन्हें अच्छी मजदूरी देते हैं. लेकिन भारतीय मजदूर का जीवन घोर परिश्रमी की कहानी है. भारत में मजदूरों की स्थिति अच्छी नहीं है. वह मुँह-अँधेरे जगता है तथा दिन भर हाड़-तोड़ परिश्रम करता है. प्रातः 8 से सायं 5 बजे तक अथक परिश्रम करने से उनका तन चूर-चूर हो जाता है. उसके पास इतनी ताकत कठिनता से बचती है की वह आराम की ज़िन्दगी जी सके.

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