Biology, asked by rahulverma810388, 4 months ago

"अनुहरण' पर एक विस्तृत लेख लिखिये
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Answered by jtanisha922
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Answer:

अनुहरण (मिमिकरी / mimicry) उस बाहरी समानता को कहते हैं जो कुछ जीवों तथा अन्य जीवों या आसपास की प्राकृतिक वस्तुओं के बीच पाई जाती है, जिससे जीव को छिपने में सुगमता, सुरक्षा अथवा अन्य कोई लाभ प्राप्त होता है। ऐसा बहुधा पाया जाता है कि कोई जंतु किसी प्राकृतिक वस्तु के इतना सदृश होता है कि भ्रम से वह वही वस्तु समझ लिया जाता है। भ्रम के कारण उस जंतु की अपने शुत्रओं से रक्षा हो जाती है। इस प्रकार के रक्षक सादृश्य के अनेक उदाहरण मिलते हैं। इसमें मुख्य भाव निगोपन का होता है। एक जंतु अपने पर्यावरण (एनवायरनमेंट) के सदृश होने के कारण छिप जाता है। गुप्तपाषाण (क्रिष्टोलिथोड्स) जति का केकड़ा ऐसा चिकना, चमकीला, गोल तथा श्वेत होता है कि उसका प्रभेद समुद्र के किनारे के स्फटिक के रोड़ों से, जिनके बीच वह पाया जाता है, नहीं किया जा सकता। ज्यामितीय शलभ (जिऑमेट्रिकल माथ्स) इल्लियों (कैटरपिलरों) का रूपरंग उन पौधों की शाखाओं और पल्लवों के सदृश होता है, जिनपर वे रहते हैं।डंठल की आकृति की होने के कारण बहुधा इसके शत्रु धोखे में पड़े रहते हैं।

यह सादृश्य इस सीमा तक पहुँच जाता है कि मनुष्य की आँखों को भी भ्रम हो जाता है। रक्षक सादृश्य छझिन नामक प्राणियों में प्रचुरता से पाया जाता है। ये इतने हरे और पर्णसदृश होते हैं कि पत्तियों के बीच वे पहचाने नहीं जा सकते। इसका एक सुंदर उदाहरण पत्रकीट (फ़िलियम, वाकिंग लीफ़) है। इसी प्रकार अनेक तितलियाँ भी पत्तों के सदृश होती हैं। पर्णचित्र पतंग (कैलिमा पैरालेक्टा) एक भारतीय तितली है। जब यह कहीं बैठती है और अपने परों को मोड़ लेती है, तो उसका एक सूखा पता जैसा मालूम होता है। इतना ही नहीं, प्रत्येक पर के ऊपर (तितली के बैठने पर परों की मुड़ी हुई अवस्था में) एक मुख्य शिरा (वेन) दिखाई पड़ती है जिससे कई एक पार्श्वीय लघु शिराएँ निकलती हैं। यह पतों की मध्यनाड़ी तथा पार्श्वीय लघुनाड़ियों के सदृश होते हैं। परों पर एक काला धब्बा भी होता है, जो किसी कृमि के खाने से बना हुआ छिद्र जान पड़ता है। कुछ भूरे रंग और भी धब्बे होते हैं जिनसे पत्ती के उपक्षय होता है।

पत्ती की आकृति की होने के कारण इसकी जान बहुधा बच जाती है।

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