अन्न की बर्बादी के कारण लिखिए
Answers
Answered by
0
Answer:
Shaadiyon me bacha hua khana
Answered by
2
Answer:
कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “मन की बात” में भोजन की बर्बादी का मुद्दा उठाया था। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, हालाँकि कड़वा सच यह भी है कि हमारे यहाँ कोई ऐसा कानून नहीं है जो भोजन की बर्बादी रोकने के काम आ सके। एक तरफ विवाह-शादियों, पर्व-त्यौहारों एवं पारिवारिक आयोजनों में भोजन की बर्बादी बढ़ती जा रही है, तो दूसरी ओर भूखें लोगों के द्वारा भोजन की लूटपाट देखने को मिल रही है। दरअसल, भोजन की बर्बादी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। ।
चिंताजनक आँकड़े
भोजन की बर्बादी से न केवल सरकार बल्कि सामाजिक संगठन भी चिंतित हैं। दुनियाभर में हर वर्ष जितना भोजन तैयार होता है उसका एक-तिहाई यानी लगभग 1 अरब 30 करोड़ टन बर्बाद चला जाता है। बर्बाद जाने वाला भोजन इतना होता है कि उससे दो अरब लोगों के खाने की ज़रूरत पूरी हो सकती है।
एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है भारत में बढ़ती सम्पन्नता के साथ ही लोग खाने के प्रति असंवेदनशील हो रहे हैं। खर्च करने की क्षमता के साथ ही खाना फेंकने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। आज भी देश में विवाह स्थलों के पास रखे कूड़ाघरों में 40 प्रतिशत से अधिक खाना फेंका हुआ मिलता है।
‘वर्ल्ड फूड आर्गेनाईज़ेशन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व का हर सातवां व्यक्ति भूखा सोता है। अगर इस बर्बादी को रोका जा सके तो कई लोगों का पेट भरा जा सकता है।
विदित हो कि विश्व भूख सूचकांक 2016 में भारत का 97वाँ स्थान है। देश में हर साल 25.1 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है लेकिन हर चौथा भारतीय भूखा सोता है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 23 करोड़ टन दाल, 12 करोड़ टन फल और 21 करोड़ टन सब्जियाँ वितरण प्रणाली में खामियों के कारण खराब हो जाती हैं
Similar questions