अन्न न भावै नींद न आवै' का क्या कारण है? ऐसी स्थिति क्यों हो गई है?
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'अन्न न भावै नींद न आवै' का क्या कारण है कवि अपने भगवान की भक्ति में खो गया है।
Explanation:
" 1) इस पंक्तियों में कवि कहना चाहता है कि अब उसे भोजन के साथ-साथ नींद भी पसंद नहीं है। वह अपने भगवान की भक्ति में खो गया है। और उसने उसे अपना पति मान लिया और खुद को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।
2) वह अपने प्रेमी की अनुपस्थिति की तरह कार्य कर रहा है। उसने कुछ भी पसंद नहीं किया। और उसने कहा कि कृपया सो जाएं क्योंकि न तो वह भोजन स्वीकार कर रहा है और न ही सो रहा है। वह केवल अपने भगवान से मिलना चाहता है।"
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