Hindi, asked by nainasharma60, 10 months ago

अनुनासिक की परिभाषा​

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Answered by Anonymous
48

Answer:

जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है, वे अनुनासिक कहलाते हैं और इन्हीं स्वरों को लिखते समय इनके ऊपर अनुनासिक के चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग किया जाता है।

यह ध्वनि (अनुनासिक) वास्तव में स्वरों का गुण होती है। अ, आ, उ, ऊ, तथा ऋ स्वर वाले शब्दों में अनुनासिक लगता है।

जैसे -

कुआँ, चाँद, अँधेरा आदि।

H♥o♥p♥e♥ ♥i♥t♥ ♥h♥e♥l♥p♥s♥ ♥y♥o♥u♥

♥p♥l♥z♥ ♥m♥a♥r♥k♥ ♥m♥e♥ ♥b♥r♥a♥i♥n♥l♥i♥s♥t

Answered by yuvraj99975
21

अनुनासिक स्वरों के उच्चारण में मुँह से अधिक तथा नाक से बहुत कम साँस निकलती है। इन स्वरों पर चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग होता है जो की शिरोरेखा के ऊपर लगता है। जैसे - आँख, माँ, गाँव आदि। जब शिरोरेखा के ऊपर स्वर की मात्रा लगी हो तब सुविधा के लिए चन्द्रबिन्दु (ँ) के स्थान पर बिंदु (ं) का प्रयोग करते हैं।

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