अनुप्रास अलंकार के कुछ आसान उदाहरण
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hlo✨
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1. रघुपति राघव राजा राम |
2. पीपर पात सरिस मन डोला |
3. मुदित मुहीपति मंदिर आए |
4.नभ पर चम - चम चपला चमकी |
hope it helps...
be brainly...✨✨
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mridul7334:
thanks
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अलंकार
काव्य सौंदर्य बढ़ाने वाले साधन को अलंकार कहते हैं । यानी जो अलंकित करें या शोभा बढ़ाएं और काव्य की सुंदरता पढ़ाने वाले गुण धर्म को अलंकार कहते हैं ।
• अनुप्रास अलंकार
= काव्य में ध्वनि सौंदर्य को बढ़ाने के लिए जब व्यंजनों की आवर्ती एक विशेष क्रम से हो तो , उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं ।
उदाहरण :-
• कालिंदी कूल कदंब की डारन
इस पंकित में " क " वर्ण की चार बार आवृत्ति होने के कारण यहां अनुप्रास अलंकार है ।
• तरनि तनूजा तट - तमाल तरुवर बहु छाए।
इस पंकित में " त " वर्ण की 5 बार आवृत्ति हुई है ।
• रघुपति राघव राजा राम ।
इस पंकित में " स " वर्ण की 5 बार आवृत्ति हुई है ।
• मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो ।
संगीत में " म " वर्ण की चार बार आवृत्ति हुई है ।
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