अनुस्वार का सम्बन्ध है
कंठ्य वर्णों से
उष्म व्यंजनों से
नासिक्य व्यंजनों से
दीर्घ व्यंजनों से
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अनुस्वार एक उच्चारण की मात्रा है जो अधिकांश भारतीय लिपियों में प्रयुक्त होती है। इससे अक्सर ं जैसी ध्वनि नाक के द्वारा निकाली जाती है, अतः इसे नसिक या अनुनासिक कहते हैं। इसको कभी-कभी म (और अन्य) अक्षरों द्वारा भी लिखते हैं। जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि। देवनागरी में इसे, उदाहरण-स्वरूप, क पर लगाने से कं लिखा जाता है।
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