Hindi, asked by seemakhaneja1, 9 months ago

.अनुशासन का अर्थ लिखते हुए विदयार्थी जीवन में उसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए essay​

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Answered by ritik33a
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अनुशासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है अनु तथा शासन अनु का अर्थ है अनुगमन करना तथा शासन का अर्थ है व्यवस्था या नियम इस तरह अनुशासन शब्द का अर्थ है नियम व्यवस्था का अनुसरण करना अर्थात ऐसे काम ना करना जो प्रशासनिक एवं सामाजिक व्यवस्था के विपरीत हो तथा जिनसे समाज के लोगों को कष्ट क्यों जब पूरा ब्रह्मांड और प्रकृति काकड़ पर अनुशासन बंद है तब मनुष्य से क्यों अनुशासन में रहने की अपेक्षा की जाए

विशेष रूप से विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व है विद्यार्थियों से समाज को दुगनी अपेक्षाएं होती हैं क्योंकि क्योंकि वह देश के भावी नया कहने न केवल अपना बल्कि अपने परिवार समाज का राष्ट्र का भी गौरव बढ़ाना होता है विद्यार्थी जीवन में समय चाचा रिता तथानिरंकुशता तो सफलता प्राप्ति में बाधक सिद्ध होते ही है इस काल को भावी जीवन की भूमिका कहा जाए तो गलत ना होगा इस कार में विद्यार्थी जन के साथ-साथ अच्छे संस्कार पर अपने एवं विकसित होने पर भी ध्यान देना चाहिए प्राचीनकाल में गुरुकुल के विद्यार्थी जन की परंपरा थी वहां विद्यार्थी गुरुकुल के नियम का पूरी तरह से पालन करते थे उनकी शिक्षा-दीक्षा का प्रमुख आधार अनुशासन ही होता था परंतु आज के विद्यार्थियों ने शिष्य से कोसों दूर हैं इनमें आज्ञाकारी का श्रद्धा और अनुशासन की घोर कमी है छात्र संघ अहंकारी तथा निर्गुण होते जा रहे हैं इनकी बातों में शिष्टता विनर मता का अभाव रहता है ऐसे लक्ष्य से विमुख होते विद्यार्थियों से अधिक और भला किसी अनुशासन की आवश्यकता है

विद्यार्थियों में बढ़ती अनुशासनहीनता के कारण है अरुचि कार पाठ्यक्रम पुरानी नीरज शिक्षा प्रणाली शिक्षा के बाद भविष्य के प्रति मनुष्य तथा अध्यापकों अभिभावकों का व्यवहार आदि इस समस्या से निपटने के लिए विद्यार्थियों की कठिनाइयों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना ही पड़ेगा ताकि विद्यार्थियों में अध्यापकों अभिभावकों के प्रति आदर भाव उत्पन्न इसके अलावा पाठ्यक्रमों को रुचिकर तथा व्यवसाय बनने की अति आवश्यकता है साथ साथ शिक्षक एवं माता-पिता को स्वयं भी अनुशासन बाद आचरण अपनाना बहुत जरूरी है

देखा जाए तो आज का विद्यार्थी पुराने जमाने के विद्यार्थियों की तुलना में अधिक सजग एवं भविष्य के प्रति जागरूक है आवश्यकता इस बात की है कि वह अपनी स्वेच्छा चारी प्रवृत्ति को नियंत्रण में रखें यदि ऐसा कर पाता है तो वह सही मायने में विद्यार्थी कहलाने का अधिकारी हो जाता है

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