अनुशासन पर एक अनुच्छेद लिखें
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Hello students ✌️
अनुशासन
अनुशासन को मानव जीवन का मूल आधार माना गया है । ऋतु का क्रमबद्ध परिवर्तन सूर्य और चंद्रमा का नियम समय पर उदय और अस्त होना पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना सब इतना नियमित है कि उनमें 1 सेकंड का भी अंतर नहीं होता । इतना ही नहीं वृक्ष, फल , फूल , सब्जियां आदी के अनुसार उगना अनुशासन का ही परिणाम है। जीवन का मूल मंत्र ही है - अनुशासन
यह दो प्रकार का होता है:-
- बाह्य अनुशासन
- बाह्य अनुशासनआंतरिक अनुशासन
बाह्य अनुशासन आरोपित होता है, किन्हीं बाहरी शक्तियों द्वारा थोपा गया होता है । अनुशासन ना मानने पर दंड अथवा सजा का प्रावधान होता है। इसके विपरीत आंतरिक अनुशासन स्वयं पर स्वयं द्वारा किया गया अनुशासन होता है। इसमें भय अथवा दंड का कोई विधान नहीं होता।अनुशासनहीन व्यक्ति की तुलना पशुओं से की जाती है। देखा जाए तो वह भी इतनी अनुशासन ही नहीं होते जितना कि एक उदंड तथा उच्छृंखल मनुष्य। अपनी आत्मा की आवाज को सुनकर उसके कहे अनुसार चलना आत्म अनुशासन कहलाता है ।अनुशासन का सर्वश्रेष्ठ प्रकार आत्म अनुशासन ही है । यह ऐसा अनुशासन है, जो किसी व्यक्ति को नैतिक सामाजिक और वैयक्तिक दृष्टि से अन्य व्यक्तियों से श्रेष्ट बना देता है।
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धन्यवाद
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अनुशासन और आचार संहिता सफलता की कुंजी है।
नियमों के एक निर्धारित पैटर्न का पालन करने का मतलब प्रतिभा और महत्वाकांक्षा का गला घोंटना नहीं है। यह एक रास्ता है जो हमें यह तय करने में मदद करता है कि कितना बदलाव करना है, कैसे बदलना है और एक विशेष बदलाव को क्यों लाना है।
आत्म अनुशासन एक दुर्लभ गुण है, जिसे बचपन से ही पालना, पोषित करना और संजोना है। इससे एक बच्चे को अपने स्कूल में भी सहकारी और जोवियल रहने में मदद मिलेगी।
छात्र जीवन में अनुशासन में समय की पाबंदी, ईमानदारी और स्वच्छता जैसे गुण शामिल हैं। इसलिए, यहां एक व्यक्ति खुद का शासक बन जाता है।
अनुशासन से बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं, कक्षा में आगे बढ़ते हैं और अधिक महत्वपूर्ण रूप से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं, वास्तव में आपकी कल्पना या उद्देश्य के लिए अधिक से अधिक प्राप्त करने में मदद करते हैं।