Business Studies, asked by ganeshwadeker08, 4 months ago

अनुशासन से आप क्या समझते हैं स्पष्ट कीजिए​

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Answered by soniya3641
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देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था, 'अनुशासन राष्ट्र का जीवन-रक्त है।' सच पूछा जाए तो अनुशासन ही मानव सभ्यता के विकास की पहली सीढ़ी है, जिसके सहारे हमारा क्रमिक विकास संभव हुआ है। प्रकृति के समस्त कार्य-व्यापार किसी न किसी नियम से बंधे होते हैं। पृथ्वी नित्य नियम से अपनी धुरी पर घूमती है, जाड़ा, गरमी और बरसात सदैव समय पर आया करते हैं। अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है- अनु और शासन। अनु उपसर्ग है जो शासन से जुड़ा है और जिससे अनुशासन शब्द निर्मित हुआ है। जिसका अर्थ है- किसी नियम के अधीन रहना या नियमों के शासन में रहना।

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन आवश्यक है। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में तो कहीं ज्यादा अनुशासन की आवश्यकता होती है। यदि अनुशासन का पालन नहीं किया जाए, तो जीवन उच्छृंखल बन जाएगा। हम इतिहास व पुराण उठाकर देखें, तो हमें इसके अनेक उदाहरण मिल जाएंगे, जहां अनुशासन से महत्वपूर्ण सफलताएं और उपलब्धियां हासिल हुई हैं। ये उपलब्धियां हमारे लिए प्रेरणा का प्रबल स्तंभ बनीं। आज जीवन की आपाधापी बढ़ गई है, लोग कम समय में अधिक से अधिक सफलताएं प्राप्त कर लेना चाहते हैं। वह येन-केन-प्रकारेण ढंग से लक्ष्य प्राप्ति के लिए दौड़ते रहते हैं। वे अनुशासन का पालन करना जरूरी नहीं समझते, लेकिन इसके विपरीत सच्चाई यह है कि जहां जितना अच्छा अनुशासन है, वहां उतनी ही शांति व सुख है। यह एक कटु सच्चाई है कि अनुशासन के बिना सफलता नहीं हासिल की जा सकती। जिस देश के लोग अनुशासित हैं, जहां की सेना अनुशासित है, वह देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहेगा, वह सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ता रहेगा। अनुशासन का पहला पाठ हम घर से सीखते हैं। घर ही वह प्रथम पाठशाला है, जहां हमें भली-भांति अनुशासन की शिक्षा मिलती है। यह शिक्षा केवल पुस्तक के पन्नों को उलटने से नहीं मिलती, बल्कि वयस्कों के या स्वयं के अनुशासन से बच्चों को मिलती है। बड़ों के आचरण का प्रभाव छोटों पर पड़ता है, इसलिए हमें अनुशासनबद्ध रहकर जीवनयापन करना चाहिए। अनुशासन का पाठ हमें जीवन में निरंतर आगे बढ़ाता है।

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