अन्य कवियों की ऋतु संबंधी कविताओं का संग्रह कीजिए।
Answers
अन्य कवियों की ऋतु संबंधी कविताओं का संग्रह छात्र अपने अध्यापक की सहायता से करें।
उदाहरण के तौर पर कुछ ऋतुओं के बारे में जानकारी दी गई है छात्र इस जानकारी से मदद ले सकते हैं।
कुछ अतिरिक्त जानकारी:
सावन ऋतु में आकाश घने काले बालों से भर जाता है। सब दिशाओं में भंवरे मस्ती से भर गुंजार करने लगते हैं। भौरों के बोलने की आवाज सभी दिशाओं में गूंजने लगती है। भंवरों की गुंजार राग मल्हार की तरह मधुर लगती है। झूलों प्रेम जन झूलने लगते हैं। माननीयों को का मान भंग हो जाता है। सब तरफ प्रेम ही प्रेम बरसने लगता है।।
बसंत ऋतु में वृक्षों के झुड़ों में भंवरे गुंजार करने लगते हैं। आम का बौर अपने सुगंध से सारे वातावरण को मादक बना देता है। पक्षियों का समूह आनंद में ध्वनि उत्पन्न करने लगता है। वनस्पतियां रसरंग से परिपूर्ण हो जाती हैं। युवा वर्ग आनंद में झूमने लगता है तथा सब जगह उमंग और उत्साह दिखाई देता है।
कुछ अतिरिक्त जानकारी :
पद्माकर ने अपना सारा का ब्रज भाषा में रचा है जिसमें राम कारों की अधिकता है। इनकी भाषा अलंकारिक है। अनुप्रास ,यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा आदि इनके प्रिय अलंकार है। कहीं-कहीं फारसी शब्दावली का प्रयोग भी किया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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Explanation:
यह कविता "रंग जाती एक ऋतु" भारतभूषण अग्रवाल जी द्वारा लिखी गई एक सुन्दर कविता है। इस कविता में कवि कहता है कि हमे कड़ी मेहनत और तपस्या का फल अवश्य मिलता है। हमें परिश्रम करते रहना चाहिए। पौधों पर खिले हुए फूल उनकी कष्ट सहकार की हुई तपस्या के फल को दर्शाता है जिन्होंने क्यारी की शोभा बढ़ायी और अपनी सुगंध से सबको आकर्षित किया।