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कोरोना काल में स्कूल व कॉलेजों की पढ़ाई का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। कक्षाओं में होने वाली की जगह अब गूगल मीट, गूगल क्लासरुम, टीम व जूम पर होने वाली वर्चुअल कक्षाओं ने ले ली है। शिक्षा में तकनीक के इस असर के कारण अब ना केवल कक्षाएं स्मार्ट हो गयी हैं, बल्कि शिक्षकों व छात्रों की भी तकनीकी क्षमता बढ़ गई है। हालांकि कुछ जानकार इससे नुकसान की बात भी करते हैं।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण लगभग छह माह से स्कूल व कॉलेज बंद हैं। ऐसे में अब घरों से होम स्कूलिंग व होम कॉलेज चल रहा है। इतना ही नहीं स्कूलों के यूनिट टेस्ट व कॉलेजों की परीक्षाएं सब ऑनलाइन हो रही हैं। छात्रों को होमवर्क व वर्कशीट सब ऑनलाइन भेजी जा रही हैं।
खासकर सरकारी स्कूलों में यह सब बिल्कुल नया है। बच्चे व अभिभावक पढ़ाई के लिए यू-ट्यूब व व्हाट्सएप सेभी जुड़े हैं। सबसे खास यह कि स्कूलों में जिस मोबाइल को लाने पर पाबंदी है अब बदले दौर में वह पढ़ाई का अहम हिस्सा हो गया है। बच्चों से जुड़े के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इनोवेटिव तरीके, यू-ट्यूब, सोश्ल मीडिया प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर रहे हैं।
बीते दिनों दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि शिक्षा में ऑनलाइन का प्रयोग बगैर योजना के अचानक करना पड़ा। बगैर योजना इस प्रयोग को लेकर अच्छी सफलता मिली। इसमें शिक्षकों व अभिभावकों का काफी सहयोग मिला। अब बच्चों ने शिक्षकों और अभिभावकों के सहयोग से खुद को ऑनलाइन शिक्षा के लिए ढाल लिया है। योग, ध्यान, डांस, संगीत की कक्षाएं ऑनलाइन लग रही हैं।
राजधानी कॉलेज के शिक्षक डॉ राजेश झा के मुताबिक बहुत सारी रिसर्च साबित करती हैं कि ऑन कैंपस लर्निंग ज्यादा गुणवत्ता पूर्ण है। ऑनलाइन शिक्षा एक अतंरिम व्यवस्था के रुप में हो सकता है। स्कूल कॉलेज में जाकर शिक्षा लेने से चहुमुखी विकास होता है। ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों को नुकसान भी हो रहा है।
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pls mark on brainlist
Dii onlin.e aa jao yaal :(
sorry Maine us din apko noi bataya k kya howa :(
so sorry
aj bata dun gi paka
on lin.e to aa jao :(