Hindi, asked by eashikadharwal05, 1 month ago

answer pls then i will mark u as brainest ​

Attachments:

Answers

Answered by virendrasaranpc
0

Answer:

please make a brainlist answer

Explanation:

सब दिन होत न एक समान हिंदी निबंध

सब दिन होत न एक समान हिंदी निबंध Different Phases of Time Essay in Hindi: समय का पहिया बडी तेजी से घूमता रहता है। उसी के साथ जीवन भी गतिशील बना रहता है। जीवन को हम समय से अलग नहीं कर सकते। समय की सबसे बड़ी विशेषता उसकी परिवर्तनशीलता है। इसीलिए यहाँ किसी के सब दिन एक जैसे नहीं बीतते ।

Points hide

1 प्रकृति में परिवर्तन

2 इतिहास की घटनाएँ

3 राजनीति

4 व्यवसाय

5 संदेश

सब दिन होत न एक समान हिंदी निबंध Different Phases of Time Essay in Hindi

सब दिन होत न एक समान हिंदी निबंध Different Phases of Time Essay in Hindi

प्रकृति में परिवर्तन

वनों बागों में कभी वसंत की बहार खिलखिलाती है, तो कभी पतझर उन पर जुल्म ढाता है। कभी धरती ग्रीष्म के ताप से विकल होती है, तो कभी वर्षा उसे शांति और शीतलता प्रदान करती है। कभी आकाश में पूनम का चाँद अपनी शोभा बिखेरता है, तो अमावस की रात में अंधेरे के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आता । इस तरह प्रकृति का बदलता हुआ रूप यही सिद्ध करता है की सब दिन एक समान नहीं होते।

इतिहास की घटनाएँ

इतिहास बताता है कि दुनिया में समय समय पर बड़े बड़े राजवंशों का उदय हुआ। वर्षों तक उनके शासन चले। पर दिन बदले और वे राजवंश तथा उनके सिंहासन मिट्टी में मिल गए । महाराज अशोक और चंद्रगुप्त, अकबर आदि के आदर्श वैभव की कहानियाँ आज भी सुनाई देती हैं। चित्तौड़ के उस महाराणा प्रताप को भी हम नहीं भूले हैं जिनके परिवार को एक दिन जंगल में धास को रोटियाँ खानी पड़ी थी । यूनान, मिस्र, रोम आदि देशों की महान सभ्यताएँ आज नामशेष रह गई है। जिस ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी नहीं डूबता था, वह आज बहुत कुछ निस्तेज हो चुका है। सदियों तक गुलाम रहनेवाला भारत आज आजादी में खुलकर साँस ले रहा है।

राजनीति

राजनीति के मैदान में भी दिनों का फेर अपना कमाल दिखाता है। कभी एक पार्टी बरसों तक शासन का मजा लूटती है, परंतु दिन फिरते ही सत्ता की सुंदरी उससे रूठ जाती है। बरसों तक कुर्सी का स्वाद लेनेवाले मंत्री एक दिन खुद को जेल में बंद पाते हैं ! समय ने साथ दिया तो अयोग्य उमीदवार भी चुनाव जीत जाता है और समय नाखुश हुआ तो प्रतिष्ठित नेता को भी चुनाव में अपनी जमानत गँवानी पड़ती है।

व्यवसाय

बड़े बड़े व्यापारी, बड़ी-बड़ी फिल्म-कंपनियाँ खूब कमाती हैं, मौज करती है और फिर पता नहीं कहाँ गायब हो जाती है। लोकप्रियता के शिखरों पर बैठी फिल्मी हस्तियाँ अचानक गुमनामी के अँधेरे में खो जाती हैं । इसी तरह नौसिखिए कलाकार, अभिनेता और व्यवसायी समय का साथ मिलने पर देखते ही देखते प्रसिद्ध होकर समृद्धि के शिखर पर बैठे दिखाई देते हैं । दिनों के फेर को ही भाग्य का दुर्भाग्य भी कहते हैं। श्रीकृष्ण की कृपा से निर्धन सुदामा के दिन बदल गए थे। बहादुरशाह जफर’ जैसे दिल्ली सम्राट को बड़ी असहाय दशा में रंगून की जेल में मरते हुए रहना पड़ा।

संदेश

अच्छे दिनों का बुरे दिनों मे बदलना और बुरे दिनों का अच्छे दिनों में बदलना मनुष्य को बहुत कुछ सिखा जाता है। आपत्तिकाल में हमें घबराना नहीं चाहिए और सुख के दिनों में कभी इतराना नहीं चाहिए। यह सच है कि जीवन में सब दिन समान नहीं होते। हमें इस सत्य के प्रकाश में जीने की कला सीखनी चाहिए।

इस निबंध को भी पढ़िए:

समय का सदुपयोग हिंदी निबंध Good use of Time Essay in Hindi

मैं क्या बनूँगा हिंदी निबंध If I were Doctor Essay in Hindi

आज का विद्यार्थी हिंदी निबंध Today's Student Essay in Hindi

कलम और तलवार हिंदी निबंध Pen and Sword Essay in Hindi

जहाँ चाह वहाँ राह हिंदी निबंध Where there's a will there's a way Essay in Hindi

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी निबंध Mazhab Nahi Sikhata Aapas Mein Bair Rakhna Essay in Hindi

Rakesh More

इस ब्लॉग पर आपको निबंध, भाषण, अनमोल विचार, कहानी पढ़ने के लिए मिलेगी |अगर आपको भी कोई जानकारी लिखनी है तो आप हमारे ब्लॉग पर लिख सकते हो |

Leave a Comment

Comment

Name

Name *

Email

Email *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Search for:

Search …

Recent Posts

समाचार पत्र की उपयोगिता हिंदी निबंध Importance of Newspaper Essay in Hindi

निरक्षरता एक अभिशाप हिंदी निबंध Illiteracy Essay in Hindi

नशीले पदार्थ के दुष्परिणाम हिंदी निबंध Drug Abuse Essay in Hindi

प्रदूषण एक समस्या हिंदी निबंध Pollution Essay in Hindi

जनसंख्या वृद्धि की समस्या हिंदी निबंध Population Problem Essay in Hindi

About Us Contact Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions

© 2021 Essay • All Rights Reserved.

Similar questions