CBSE BOARD X, asked by snehabharti20, 1 year ago

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Answered by ashishkushwaha16
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Answer:

क) विशेषज्ञ विद्वान को समझना ऐसा ही है जैसे हथेली पर सरसों जमाना (असंभव कार्य करना)।

ख) गणित का गृह कार्य करना मुझे आकाश पाताल एक करने जैसा प्रतीत होता है (बहुत प्रयत्न करना)।

ग) मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में हमेशा टस से मस नहीं होना चाहिए।(थोड़ा भी विचलित नहीं होना चाहिए)

I hope you find it useful.

Answered by Niharikamishra24
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{\red{\underline{\underline{\bold{Answer:-}}}}}

(क) विशेषज्ञ विद्वान को समझाना ऐसा ही है जैसे गढ़ फतह करना (कठिन काम करना) |

(ख) गणित का गृहकार्य करना मुझे खोपड़ी खाली करना (श्रम करके दिमाग का थक जाना) प्रतीत होता है I

(ग) मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में हमेशा आँख कान खुले रखने (सचेत रहना) चाहिए |

{\green{\underline{\underline{\bold{Explanation:-}}}}}

(क) विशेषज्ञ विद्वान को समझाना ऐसा ही है

(क) विशेषज्ञ विद्वान को समझाना ऐसा ही हैजैसे __।

• गढ़ फतह करना ( कोई कठिन कार्य को

निपटाना )

(ख) गणित का गृहकार्य करना मुझे _____

(ख) गणित का गृहकार्य करना मुझे _____प्रतीत होता है I

• खोपड़ी खाली होना ( दिमाग का थकना )

• खाई से निकलकर खंदक में कूदना (परेशानी

से उभर कर दूसरा परेशानी मोल लेना)

(ग) मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में हमेशा

(ग) मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में हमेशा_____ चाहिए I

• कान खोलना ( सचेत और सावधान रहना )

• कमर कस कर रहना ( तैयार रहना )

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