Hindi, asked by 04anshmishra, 8 months ago

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Answered by pratikpritam8
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Explanation:

उत्तर प्रदेश के कानपुर में मोबाइल फोन के झगड़े ने मंगलवार शाम पिता-पुत्र की जान ले ली। खुदकुशी करने की बात कहकर घर से निकले बेटे को नजीराबाद क्रॉसिंग पर बचा रहे पिता की भी ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मोबाइल से बेटी को सूचना दी तो कोहराम मच गया।

नेहरू नगर निवासी प्रेम श्रीवास्तव (48) हमराज कॉम्प्लेक्स स्थित कपड़े की दुकान में काम करते थे। पत्नी की काफी पहले ही मौत हो चुकी थी। परिवार में इकलौती बेटी नैंसी बची है। बेटा नमन (17) बीएनएसडी इंटर कॉलेज चुन्नीगंज में इंटरमीडिएट का छात्र था। परिवार का खर्च चलाने के लिए नैंसी भी गुमटी स्थित एक शॉप में काम करती है। दो दिन पहले नमन ने बहन के बैंक खाते से 13 हजार रुपए निकालकर एंड्रायड मोबाइल खरीद लिया था।

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मंगलवार शाम को खाते से रुपए निकालने को लेकर भाई-बहन में विवाद हो गया। गुस्से में आकर नमन ने पिता को मोबाइल पकड़ाया और कहा कि वह ट्रेन से कटकर जान देने जा रहा है। प्रेम भी उसे रोकने के लिए निकल पड़े। नजीराबाद और गुमटी क्रॉसिंग के बीच टूटी दीवार से नमन ट्रैक पर आ गया। इसी दौरान कासगंज-कानपुर एक्सप्रेस आ गई। यह देख प्रेम भी शोर मचाते हुए पीछे दौड़े। बेटे को बचाने के चक्कर में वह भी ट्रेन की चपेट में आ गए। पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने प्रेम की जेब से मिले मोबाइल से फोन किया तो नैंसी ने उठाया। वह पड़ोसी संचित के साथ मौके पर पहुंची और पिता व भाई का शव देख रो-रोकर बेसुध हो गई।

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खुद को ही बताती रही दोनों की मौत का जिम्मेदार

पिता और भाई के शवों को देख नैंसी के रोते-रोते आंसू तक सूख गए। पहले बीमारी के चलते मां की मौत हुई और अब भाई और पिता की भी जान चली गई। रोते हुए वह खुद को ही दोनों की मौत का जिम्मेदार बताती रही।

बच्चों के लिए नहीं की थी दूसरी शादी

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे कारोबारी जवाहर ने बताया कि प्रेम उनके यहां कई सालों से काम कर रहे थे। वह बेहद सज्जन और ईमानदार इनसान थे। उन पर कारोबार की पूरी जिम्मेदारी सौंप देते थे। पत्नी की मौत के बाद उनसे कहा था कि प्रेम शादी कर लो तो उन्होंने कहा कि बिटिया बड़ी हो गई। अब अच्छा नहीं लगता। वह अपने बच्चों को मां और पिता दोनों का प्यार देते थे।

मोबाइल ने उजाड़ दिया पूरा परिवार

मोबाइल को लेकर हुए विवाद ने नैंसी को ऐसा दर्द दिया है, जिसे वह पूरी जिंदगी भुला नहीं सकेगी। नैंसी ने रोते हुए कहा कि उसे नहीं पता था कि रुपए निकालने के लिए नमन को डांटना इतना बुरा लगेगा कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठा लेगा। अगर उसे पता होता तो कभी नहीं डांटती। भाई को कहीं गलत लत न लग जाए इसलिए डांटा दिया था।

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