Antriksh Mein Bharat Hindi nibandh
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aisa kaisa question h.......
antirash के अलावा अन्य किसी ग्रह या उपग्रह (Planet or Satellite) पर रहने की शुरूआत की जा सकती है ? साथ ही अमेरिका और रूस (Russia) ने यह पता लगाना शुरू किया है कि अन्तरिक्ष (Space) में जाकर कुछ ऐसी जानकारी । (Information) हासिल की जाए जिससे धरती की कठिनाइयों (Difficulties) को कम करने तथा मनुष्य को नयी-नयी सुविधाएँ प्रदान करने में सफलता मिल सके । इस कोशिश में बड़े-बड़े देशों के साथ भारत ने भी उल्लेखनीय (Notable) कार्य किये हैं ।
2. भारत का प्रयास:
भारत में तिरुअनंतपुरम के निकट थुम्बा नामक स्थान पर सन् 1963 में राकेट प्रशिक्षण (Training) केंद्र स्थापित किया गया । इसी वर्ष इस स्थान से अमेरिका द्वारा बनाया गया रकिट छोड़ा गया । अंतरिक्ष विज्ञान पर व्यवस्थित रूप से (Systematically) काम करने के लिए सन् 1969 ई. में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation : ISRO) का गठन किया गया । इसके बाद सन् 1972 में भारत सरकार ने अंतरिक्ष विभाग (Space Department) तथा अंतरिक्ष आयोग (Space Commission) की भी स्थापना की ।
इन सभी प्रयत्नों (Efforts) के फलस्वरूप 7 जून 1979 को भारत का अपना उपग्रह (Satellite) अंतरिक्ष यान के जरिए अंतरिक्ष में छोड़ा गया । यह भारत की अंतरिक्ष विजय (Victory Over Space) की पहली उपलब्धि थी । इसके बाद 1981 में रोहिणी त था एप्पल उपग्रह श्रीहरिकोटा नामक स्थान से छोड़े गए ।
1982 में उपग्रह एफ.बी. और 1988 में आर.एस. 1-ए तथा इन्सेट एफ.सी. अंतरिक्ष में छोड़े गए । 1984 में भारत के राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की और हाल ही में दिवंगत (Dimised) कल्पना चावला की दो बार अंतरिक्ष यात्रा भारत के लिए गौरव की बात रही ।
1. लाभ:
शुरू से लेकर आज तक भारत ने अनेक उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े हैं, जिनसे न केवल अन्तरिक्ष में होने वाले घटनाओं की पूर्व सूचना हमें मिलती रहती है बल्कि पूथ्वी पर होने वाले परिवर्तनों (Changes), मौसम की जानकारी, इन्टरनेट, फोन आदि सुविधाओं के साथ अनेक प्रकार के वैज्ञानिक प्रयोग (Scientific Experiments) भी किये जाते हैं और जीवन को अधिक-से-अधिक सुविधाजनक (Comfortable) बनाने की कोशिश की जाती है ।