anuched apne liye Jiye To Kya Jiye
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★Apne liye jiye to kya jiye★
◆●अपने लिए जीना भी कोई जिना होता हैं। भाई दूसरे के लिए जियोगे तो मरने के बाद भी याद आओगे । खाते पीते जिंदगी बिता दोगे तो ये जिंदगी भी कोई जिंदगी हुई भला ।
लोग के कहते है कि दुनिया में आये हो तो कोई नाम करके जाना ताकि लोग तुम्हे मरने के बाद भी याद करे।
कर्म करने से नाम ऊँचा होता है । बिना कर्म किये मरोगे तो जिंदा में भी तुम्हे कोई नही पूछेगा । ।
★आज तक इस धरती पर बहुत लोगो ने जन्म लिया हैं । लेकिन हम सिर्फ उन्ही लोगो को जानते है , जिसने अच्छे कर्म किये है। कर्म नही करने वालो को कोई भी नहीं पूछता हैं।
★अपने लिए जीने से कुछ नही होता है। दुसरो के लिए जीने से जिंदगी स्वर्ग बन जाती है ।।
★और खाते पीते जिंदगी जीने से जिंदगी नरक बन जाती है
★ये आप पर निर्भर करता है कि आप अपने जिंदगी को क्या बनते हुए देखना चाहते हैं । जीते जी स्वर्ग बनते हुए और जीते जी नरक बनते हुये।
★लेकिन भाइयो ये कलयुग है । जहाँ कोई भी किसी और के लिए नही जीना चाहता है। लोग सोचते है कि दूसरे के लिए जीने से हमे क्या फायदा होगा ।। इस दुनिया में लोग सिर्फ अपने लिए जीना चाहते हैं । और अपना फायदा देखते हैं।।
★लेकिन आज भी बहुत सारे लोग है जो दूसरे के लिए जीने में अपनी जिंदगी गुजार देते है । वो अपना फायदा ओर नुकसान नही देखते हैं।।।☺️
■■धन्यवाद■■
प्रिया☺️
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✔️आशा करती हूं कि ये आपकी मदद करेगा ☺️✌️
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★Apne liye jiye to kya jiye★
◆●अपने लिए जीना भी कोई जिना होता हैं। भाई दूसरे के लिए जियोगे तो मरने के बाद भी याद आओगे । खाते पीते जिंदगी बिता दोगे तो ये जिंदगी भी कोई जिंदगी हुई भला ।
लोग के कहते है कि दुनिया में आये हो तो कोई नाम करके जाना ताकि लोग तुम्हे मरने के बाद भी याद करे।
कर्म करने से नाम ऊँचा होता है । बिना कर्म किये मरोगे तो जिंदा में भी तुम्हे कोई नही पूछेगा । ।
★आज तक इस धरती पर बहुत लोगो ने जन्म लिया हैं । लेकिन हम सिर्फ उन्ही लोगो को जानते है , जिसने अच्छे कर्म किये है। कर्म नही करने वालो को कोई भी नहीं पूछता हैं।
★अपने लिए जीने से कुछ नही होता है। दुसरो के लिए जीने से जिंदगी स्वर्ग बन जाती है ।।
★और खाते पीते जिंदगी जीने से जिंदगी नरक बन जाती है
★ये आप पर निर्भर करता है कि आप अपने जिंदगी को क्या बनते हुए देखना चाहते हैं । जीते जी स्वर्ग बनते हुए और जीते जी नरक बनते हुये।
★लेकिन भाइयो ये कलयुग है । जहाँ कोई भी किसी और के लिए नही जीना चाहता है। लोग सोचते है कि दूसरे के लिए जीने से हमे क्या फायदा होगा ।। इस दुनिया में लोग सिर्फ अपने लिए जीना चाहते हैं । और अपना फायदा देखते हैं।।
★लेकिन आज भी बहुत सारे लोग है जो दूसरे के लिए जीने में अपनी जिंदगी गुजार देते है । वो अपना फायदा ओर नुकसान नही देखते हैं।।।☺️
■■धन्यवाद■■
प्रिया☺️
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QGP:
Great Answer!
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■ अनुच्छेद ।
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■ अपने लिए जिये तो क्या जिये ।
=》आपने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि मनुष्य वहीं जो मनुष्य के लिए जिये ।
यानी जो मनुष्य खुद के लिए नही बल्कि दूसरों के लिए जिये वहीं मनुष्य कहलाने का असली हकदार होता हैं ।
अपना क्या हैं अपने लिए तो पशु भी जी लेते हैं जिनके हाथ भी नहीं होते । अगर ऐसे ही पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान कहलाए जाने वाले मनुष्य भी ऐसा करने लगे तो दोनों में भेद कर पाना मुश्किल हो जाएगा ।
इस कथन को और स्पष्ट करने के लिए आइये हम एक उदाहरण के माध्यम से हम इसे समझते हैं ।
■ शिक्षक =>
_______
जैसे एक शिक्षक खुद शिक्षित हो कर अन्य को शिक्षित कर देता हैं । अगर वह अपने लिए जीना शुरू कर दें तो अन्य छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा ।
इतिहास भी अब तक यही बताता हैं खुद के लिए जीने वाले पशु व दूसरों के लिए जीने वाले महान बनें
उपयुक्त कथन का निष्कर्ष यही निकलता है जिंदगी मिली हैं तो दूसरों की सहायता करों , उन्हें खुश रखो , जहाँ तक हो सकें किसी को भूखा न रहने दों
जीने का सबसे बड़ा सुख यही हैं ।
■ अंत में इस अनुच्छेद के शिर्षक पर एक छोटी सी पंक्ति =>
जिंदगी मिली हैं जीने के लिए ।
जिसे जीने के लिए पशु व इंसान होते हैं ।
खुद के लिए जीने वाले तो बहुत मिलेंगे मेरे दोस्त ।
जो दूसरों के लिए जीते हैं वहीं महान होते हैं ।
धन्यवाद ।।।।
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■ अपने लिए जिये तो क्या जिये ।
=》आपने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि मनुष्य वहीं जो मनुष्य के लिए जिये ।
यानी जो मनुष्य खुद के लिए नही बल्कि दूसरों के लिए जिये वहीं मनुष्य कहलाने का असली हकदार होता हैं ।
अपना क्या हैं अपने लिए तो पशु भी जी लेते हैं जिनके हाथ भी नहीं होते । अगर ऐसे ही पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान कहलाए जाने वाले मनुष्य भी ऐसा करने लगे तो दोनों में भेद कर पाना मुश्किल हो जाएगा ।
इस कथन को और स्पष्ट करने के लिए आइये हम एक उदाहरण के माध्यम से हम इसे समझते हैं ।
■ शिक्षक =>
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जैसे एक शिक्षक खुद शिक्षित हो कर अन्य को शिक्षित कर देता हैं । अगर वह अपने लिए जीना शुरू कर दें तो अन्य छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा ।
इतिहास भी अब तक यही बताता हैं खुद के लिए जीने वाले पशु व दूसरों के लिए जीने वाले महान बनें
उपयुक्त कथन का निष्कर्ष यही निकलता है जिंदगी मिली हैं तो दूसरों की सहायता करों , उन्हें खुश रखो , जहाँ तक हो सकें किसी को भूखा न रहने दों
जीने का सबसे बड़ा सुख यही हैं ।
■ अंत में इस अनुच्छेद के शिर्षक पर एक छोटी सी पंक्ति =>
जिंदगी मिली हैं जीने के लिए ।
जिसे जीने के लिए पशु व इंसान होते हैं ।
खुद के लिए जीने वाले तो बहुत मिलेंगे मेरे दोस्त ।
जो दूसरों के लिए जीते हैं वहीं महान होते हैं ।
धन्यवाद ।।।।
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