Hindi, asked by rajveer01804gmailcom, 1 year ago

anuched on Anpadh in Hindi

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Answered by Rajputsaurabhsingh
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Hey friends here is your answer ________________^^^^^^______________



1. भूमिका:

निरक्षरता का अर्थ है अक्षर (Letters) का ज्ञान न होना । निरक्षर होने का सीधा-सरल अर्थ है अनपढ़ होना । ‘काला अक्षर भैंस बराबर’ यह कहावत (Proverb) अनपढ़ व्यक्ति के लिए ही प्रयोग की जाती है । अर्थात् अनपढ़ व्यक्ति को काले अक्षर और भैंस में कोई अन्तर नजर नहीं आता ।

2. कठिनाइयाँ:

आज का युग विज्ञान का युग है । लोग अपने-अपने काम में इतना व्यस्त हो गये हैं कि एक दूसरे को किसी विषय में मौखिक (Verbal) जानकारी देने के लिए उनके पास अधिक समय नहीं है । ऐसे में व्यक्ति को जानकारी देने के लिए अनेक बातें लिख दी जाती हैं । दूकानों के साइनबोर्ड हों या स्एलवे की समय-सारणी (Time-table) का चार्ट ।

रिजर्वेशन के लिए सूची में किसी अनपढ़ को अपना नाम ढूँढ़ना हो नयी-नयी वस्तुओं का विज्ञापन (Advertisement) पढ़ना हो, हर जगह अनपढ़ व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । इस वैज्ञानिक युग में कहीं भी बिना पड़े काम चल ही नहीं सकता ।

देहाती (Rural) लोगों के साथ होने वाली घटनाओं (Incidents) के बारे में कौन नहीं जानता । निर क्षार लगेगों से अंगूठे लगवा कर साहूकारों (Businessmen) तथा जमींदारों (Landlords) ने अनेक लोगों को बँधुआ मजदूर (Bonded Labourers) बनने पर मजबूर कर दिया, अनेकों के घर- जमीन हड़प लिये ।

आज निरक्षरों का शोषण (Exploitation) हर जगह हो रहा है । घर हो या बाहर निरक्षरों को हर जगह कठिनाइयों (Difficulties) के सिवा और कुछ नहीं मिलता । यहाँ तक कि निरक्षर व्यक्ति आधुनिक मशीनों का प्रयोग भी अपने लिए ठीक से नहीं कर सकता ।

3. आवश्यकता:

वास्तव में किसी भी व्यक्ति के लिए निरक्षरता एक अभिशाप (A curse) है जिसे जितना जल्द हो सके समाप्त करके हर व्यक्ति को साक्षर (Literate) बना देना आवश्यक है । देश की आजादी के बाद साक्षरता की आवश्यकता और अधिक है क्योंकि इसके बिना व्यक्ति प्रजातंत्र, गणतंत्र आदि का अर्थ भी नहीं समझ सकता ।

अलग-अलग सरकारों ने सा क्षरता अभियान भी समय-समय पर चलाये हैं जिसमें प्रौढ़-शिक्षा (Adult Education) की व्यवस्था है । लोग अपने दिन-भर के काम के बाद संध्या का कुछ समय पढ़ना-लिखना सीखने में लगा सकते हैं ।

4. उपसंहार:निरक्षर व्यक्ति के लिए जीवन अंधकारमय होता है । वह न तो अपना जीवन ठीक ढंग से व्यवस्थित (Manage) कर सकता है और न किसी भाषा के साहित्य (Literature) का आनन्द उठा सकता है । यह साक्षरता से ही सम्भव है । निरक्षरता निराशा का दूसरा नाम है ।




Hope it will help you-------------------------


Mind me as BRAINLIES DEAR------------------


**************{ROYAL RAJPUT}****************
Answered by afreen786n
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भूमिका:

निरक्षरता का अर्थ है अक्षर (Letters) का ज्ञान न होना । निरक्षर होने का सीधा-सरल अर्थ है अनपढ़ होना । ‘काला अक्षर भैंस बराबर’ यह कहावत (Proverb) अनपढ़ व्यक्ति के लिए ही प्रयोग की जाती है । अर्थात् अनपढ़ व्यक्ति को काले अक्षर और भैंस में कोई अन्तर नजर नहीं आता ।

2. कठिनाइयाँ:

आज का युग विज्ञान का युग है । लोग अपने-अपने काम में इतना व्यस्त हो गये हैं कि एक दूसरे को किसी विषय में मौखिक (Verbal) जानकारी देने के लिए उनके पास अधिक समय नहीं है । ऐसे में व्यक्ति को जानकारी देने के लिए अनेक बातें लिख दी जाती हैं । दूकानों के साइनबोर्ड हों या स्एलवे की समय-सारणी (Time-table) का चार्ट ।

रिजर्वेशन के लिए सूची में किसी अनपढ़ को अपना नाम ढूँढ़ना हो नयी-नयी वस्तुओं का विज्ञापन (Advertisement) पढ़ना हो, हर जगह अनपढ़ व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । इस वैज्ञानिक युग में कहीं भी बिना पड़े काम चल ही नहीं सकता ।

देहाती (Rural) लोगों के साथ होने वाली घटनाओं (Incidents) के बारे में कौन नहीं जानता । निर क्षार लगेगों से अंगूठे लगवा कर साहूकारों (Businessmen) तथा जमींदारों (Landlords) ने अनेक लोगों को बँधुआ मजदूर (Bonded Labourers) बनने पर मजबूर कर दिया, अनेकों के घर- जमीन हड़प लिये ।

आज निरक्षरों का शोषण (Exploitation) हर जगह हो रहा है । घर हो या बाहर निरक्षरों को हर जगह कठिनाइयों (Difficulties) के सिवा और कुछ नहीं मिलता । यहाँ तक कि निरक्षर व्यक्ति आधुनिक मशीनों का प्रयोग भी अपने लिए ठीक से नहीं कर सकता ।


भूमिका:

निरक्षरता का अर्थ है अक्षर (Letters) का ज्ञान न होना । निरक्षर होने का सीधा-सरल अर्थ है अनपढ़ होना । ‘काला अक्षर भैंस बराबर’ यह कहावत (Proverb) अनपढ़ व्यक्ति के लिए ही प्रयोग की जाती है । अर्थात् अनपढ़ व्यक्ति को काले अक्षर और भैंस में कोई अन्तर नजर नहीं आता ।

2. कठिनाइयाँ:

आज का युग विज्ञान का युग है । लोग अपने-अपने काम में इतना व्यस्त हो गये हैं कि एक दूसरे को किसी विषय में मौखिक (Verbal) जानकारी देने के लिए उनके पास अधिक समय नहीं है । ऐसे में व्यक्ति को जानकारी देने के लिए अनेक बातें लिख दी जाती हैं । दूकानों के साइनबोर्ड हों या स्एलवे की समय-सारणी (Time-table) का चार्ट ।

रिजर्वेशन के लिए सूची में किसी अनपढ़ को अपना नाम ढूँढ़ना हो नयी-नयी वस्तुओं का विज्ञापन (Advertisement) पढ़ना हो, हर जगह अनपढ़ व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । इस वैज्ञानिक युग में कहीं भी बिना पड़े काम चल ही नहीं सकता ।

देहाती (Rural) लोगों के साथ होने वाली घटनाओं (Incidents) के बारे में कौन नहीं जानता । निर क्षार लगेगों से अंगूठे लगवा कर साहूकारों (Businessmen) तथा जमींदारों (Landlords) ने अनेक लोगों को बँधुआ मजदूर (Bonded Labourers) बनने पर मजबूर कर दिया, अनेकों के घर- जमीन हड़प लिये ।

आज निरक्षरों का शोषण (Exploitation) हर जगह हो रहा है । घर हो या बाहर निरक्षरों को हर जगह कठिनाइयों (Difficulties) के सिवा और कुछ नहीं मिलता । यहाँ तक कि निरक्षर व्यक्ति आधुनिक मशीनों का प्रयोग भी अपने लिए ठीक से नहीं कर सकता ।

निरक्षर व्यक्ति के लिए जीवन अंधकारमय होता है । वह न तो अपना जीवन ठीक ढंग से व्यवस्थित (Manage) कर सकता है और न किसी भाषा के साहित्य (Literature) का आनन्द उठा सकता है । यह साक्षरता से ही सम्भव है । निरक्षरता निराशा का दूसरा नाम है ।


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