Anuched on parishram hi saflta ki kunji hai...
Sanket bindu
1. Parishram va bhagya
2. Parishram aur sflta
3. Parishram sharirik va mansik
4. Parishram ke labh
I want 100 word anuched pls tellll
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समाचार-पत्र सूचनाओं व मानवीय संवेदनाओं के आदान-प्रदान का प्रमुख स्तंभ है । इसका इतिहास अपेक्षाकृत प्राचीन है । प्राचीन काल में यह क्षेत्र विशेष तक ही सीमित था परंतु छपाई की कला में नित नए अन्वेषणों व इसकी उपयोगिता को देखते हुए समाचार-पत्रों में समय के साथ व्यापकता आती गई।
आज समाचार-पत्रों की व्यापकता इतनी अधिक हो गई है कि ये जन-मानस का प्रमुख अंग बन चुके हैं । विश्वभर में अनेकों भाषाओं में समाचार-पत्र प्रकाशित होते हैं । हमारे देश में टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान आदि समाचार-पत्र हिंदी व अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होते हैं । हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में राष्ट्रीय स्तर पर समाचार-पत्रों का प्रकाशन होता है । इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में क्षेत्रीय भाषाओं में भी समाचार-पत्र प्रकाशित होते हैं ।
समाचार-पत्र प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली के प्रमुख स्तंभों में से एक हैं । इसके माध्यम से व्यक्ति अपने भावों, अनुभवों व संवेदनाओं को समाज व राष्ट्र के सम्मुख निष्पक्ष और निर्भय होकर व्यक्त कर सकता है । समाचार-पत्रों के माध्यम से किसी विशेष विषय से संबंधित लोगों का मत या उनकी राय भी जानी जा सकती है ।
समाचार-पत्रों के माध्यम से देश-विदेश की राजनीतिक उथल-पुथल व नेताओं के वक्तव्य आदि की जानकारी हम घर बैठे ही प्राप्त कर लेते हैं । इसके अतिरिक्त किसी राजनीतिक पहलू पर लिए गए किसी विशेष निर्णय के संदर्भ में विद्वानों व महान राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा प्रस्तुत समीक्षा का भी हम अवलोकन कर सकते हैं । साथ ही साथ उस विशेष निर्णय अथवा घटना के संदर्भ में वांछित अपनी राय व अपना मत हम देश के सम्मुख रख सकते हैं ।
राजनीतिक उथल-पुथल के अतिरिक्त समाचार-पत्रों के माध्यम से हम क्षेत्रीय समाचार-पत्रों के द्वारा अपने शहर, कस्बे व ग्राम से संबंधित प्रमुख घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । उरपने क्षेत्र व समाज के लिए किए गए प्रमुख कार्यों की जानकारी इन पत्रों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है ।
इतना ही नहीं, व्यापारिक जगत की समस्त ताजा घटनाओं की जानकारी समाचार-पत्रों में उपलब्ध होती है । कंपनियों के शेयरों के घटते-बढ़ते मूल्यों का लेखा-जोखा तथा इसके अतिरिक्त किसी कंपनी द्वारा बाजार में निकाले गए नवीन उत्पाद की जानकारी हमें समाचार-पत्रों के माध्यम से मिलती है ।
you can crop it according to your need
आज समाचार-पत्रों की व्यापकता इतनी अधिक हो गई है कि ये जन-मानस का प्रमुख अंग बन चुके हैं । विश्वभर में अनेकों भाषाओं में समाचार-पत्र प्रकाशित होते हैं । हमारे देश में टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान आदि समाचार-पत्र हिंदी व अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होते हैं । हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में राष्ट्रीय स्तर पर समाचार-पत्रों का प्रकाशन होता है । इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में क्षेत्रीय भाषाओं में भी समाचार-पत्र प्रकाशित होते हैं ।
समाचार-पत्र प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली के प्रमुख स्तंभों में से एक हैं । इसके माध्यम से व्यक्ति अपने भावों, अनुभवों व संवेदनाओं को समाज व राष्ट्र के सम्मुख निष्पक्ष और निर्भय होकर व्यक्त कर सकता है । समाचार-पत्रों के माध्यम से किसी विशेष विषय से संबंधित लोगों का मत या उनकी राय भी जानी जा सकती है ।
समाचार-पत्रों के माध्यम से देश-विदेश की राजनीतिक उथल-पुथल व नेताओं के वक्तव्य आदि की जानकारी हम घर बैठे ही प्राप्त कर लेते हैं । इसके अतिरिक्त किसी राजनीतिक पहलू पर लिए गए किसी विशेष निर्णय के संदर्भ में विद्वानों व महान राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा प्रस्तुत समीक्षा का भी हम अवलोकन कर सकते हैं । साथ ही साथ उस विशेष निर्णय अथवा घटना के संदर्भ में वांछित अपनी राय व अपना मत हम देश के सम्मुख रख सकते हैं ।
राजनीतिक उथल-पुथल के अतिरिक्त समाचार-पत्रों के माध्यम से हम क्षेत्रीय समाचार-पत्रों के द्वारा अपने शहर, कस्बे व ग्राम से संबंधित प्रमुख घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । उरपने क्षेत्र व समाज के लिए किए गए प्रमुख कार्यों की जानकारी इन पत्रों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है ।
इतना ही नहीं, व्यापारिक जगत की समस्त ताजा घटनाओं की जानकारी समाचार-पत्रों में उपलब्ध होती है । कंपनियों के शेयरों के घटते-बढ़ते मूल्यों का लेखा-जोखा तथा इसके अतिरिक्त किसी कंपनी द्वारा बाजार में निकाले गए नवीन उत्पाद की जानकारी हमें समाचार-पत्रों के माध्यम से मिलती है ।
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hum sb apne bchpn se apne bado se sunte aa rhe hai ki jo parisham krega whi saflta payega.parisham hamare bhagye se juda hua hai hume niswarth hokar karm krne chahiye aur fal ki chinta nhi krni chahiye agar hum parisham krte hai to yakinan ek na ek din saflta hamare kadam chum legi. parisham hume hr tareeke se krna chahiye agar hume saflta chahiye to apne parisham me kabhi kami mt chodo sharirik parisham karo mansik parisham karo aur fir bhagya pe chod do kunki jo aapke bhagya me hoga wo aapke pass doud kr ayega aur nhi hoga to kabhi nhi ayega lekin parisham me kami na chodo kabhi kl ko aap ye soch ke pachtao ki kaash aur parisham kiya hota to aaj ye na hua hota aesa mauka mt do apne aapko ye khne ka parisham ke to labh hi labh agar parisham krne ke baad bhi aap kl ko wo kaam na kr paye to smjh jana maine to koi kasar nhi chodi thi ye bs bhagya ki bt thi aur parisham krke saflta paoge tb jo khushi hogi wo bhagya ke balboote pe saflta paane wali khushi se kai guna zyada hogi islie hamare bde kh ke gye hai parisham hi saflta ki kunji hai.
HOPE IT HELPS!!!!!!
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