Any one kavika of Mira bai in hindi
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नहिं भावै थांरो देसड़लो जी रंगरूड़ो॥
थांरा देसा में राणा साध नहीं छै, लोग बसे सब कूड़ो।
गहणा गांठी राणा हम सब त्यागा, त्याग्यो कररो चूड़ो॥
काजल टीकी हम सब त्याग्या, त्याग्यो है बांधन जूड़ो।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर बर पायो छै रूड़ो॥
राग खम्माच
शब्दार्थ :- थांरो = तुम्हारा। देसलड़ो = देश। रंग रूड़ो =विचित्र। साध =साधु संत। कूड़ो =निकम्मा। कररो = हाथ का। टीकी =बिन्दी जूड़ो =जूड़ा वेणी। रूडो =सुंदर।
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थांरा देसा में राणा साध नहीं छै, लोग बसे सब कूड़ो।
गहणा गांठी राणा हम सब त्यागा, त्याग्यो कररो चूड़ो॥
काजल टीकी हम सब त्याग्या, त्याग्यो है बांधन जूड़ो।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर बर पायो छै रूड़ो॥
राग खम्माच
शब्दार्थ :- थांरो = तुम्हारा। देसलड़ो = देश। रंग रूड़ो =विचित्र। साध =साधु संत। कूड़ो =निकम्मा। कररो = हाथ का। टीकी =बिन्दी जूड़ो =जूड़ा वेणी। रूडो =सुंदर।
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palbettujyothi:
Tq
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मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई
जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई
जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई
पर्भु कंठ माला सोही
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई
तात मात बधु भ्राता अपना न कोई
पर्भु तात मात बधु
भ्राता अपना न कोई
ता गागन मुल्हि गयी क्या करेगा कोई
असुवन जल सींच सींच प्रेम बेल बोई
पर्भु असुवन जल सिच
पर्भु असुवन जल
सींच सींच प्रेम बेल बोई
दासी मीरा प्रभु लगन लगी
मीरा प्रभु लगन लगी
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई.
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई
जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई
जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई
पर्भु कंठ माला सोही
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई
तात मात बधु भ्राता अपना न कोई
पर्भु तात मात बधु
भ्राता अपना न कोई
ता गागन मुल्हि गयी क्या करेगा कोई
असुवन जल सींच सींच प्रेम बेल बोई
पर्भु असुवन जल सिच
पर्भु असुवन जल
सींच सींच प्रेम बेल बोई
दासी मीरा प्रभु लगन लगी
मीरा प्रभु लगन लगी
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई.
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