अपका पसंदीदा त्योहार कौन सा है और क्यों इस पर निबंध लिखिए
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बिल्कुल दीपावली, उजाले का त्यौहार।
Answer :
किसको दीपावली नहीं पसंद ??? दीपावली सबको पसंद है। शायद ही कोई त्यौहार भारत में दीपावली जैसी उत्सुकता से मनाया जाता है। दीपावली सिर्फ भारत में ही नहीं विदेशों में भी खूब मनाई जाती है । नेपाल, श्रीलंका, ब्रिटेन, कनाडा ,थाईलैंड ,जापान, साउथ अफ्रीका और भी बहुत से देश भारत के साथ ये उजाले का त्यौहार मनाते हैं और अब तो हर साल इसका क्रेज बढता ही जा रहा है। उत्तरी भारत में दीपावली के महीने में एक अलग ही उल्लास नजर आता है।
मुझे दीपावली इतना पसंद है कि मैं तो अपने स्कूल में हिन्दी निबंध भी दीपावली पर ही लिखता था। 5 दिन का ये त्योहार पूरे भारत को एक कर देता है। हिन्दू,मुस्लिम,जैन ,सिक्ख सभी धर्मों के लोग इसको बड़ी खुशी से एक साथ मनाते हैं। दीपावली की तैयारी 1 महीने पहले ही शुरू हो जाती है । बचपन में तो दीपावली पर नये कपड़े आते थे और अलग अलग मिठाई खाने का इतना उत्साह रहता था कि उसे शब्दों में व्यक्त कर पाना मुश्किल है।
दीपावली सबसे स्पेशल होती है “बच्चा पार्टी” के लिये । उनके चेहरों पर अलग ही रौनक होती है,दीपावली की। बच्चे खुश होते हैं क्योंकि उन्हें उनके मन की सारे चीजें मिलती है और फुलझड़ी,पटाके तो उन के सुख को चरम सीमा पर पहुंचा देते हैं। दीपावली पर स्कूलों की लम्बी छुट्टियां होती है जिससे बच्चों का मन हल्का हो जाता है और जमकर मस्ती करने का मौका मिलता है। जब हम सरकारी स्कूल में पढ़ते थे तो हमारी 15 दिन की छुट्टियां मिलती थी । और 15 दिन जम कर मस्ती होती थी।
खैर अब दीपावली इसलिये पसंद है क्योंकि सिर्फ दीपावली ही सिर्फ एक ऐसा मौका होता है,जिसपर सारा परिवार साथ आता है। सब दूर-दूर रहते हैं अलग-अलग शहरों में। दीपावली के वक्त सब गांव आते हैं। इसलिये मैं इस वक्त को बहुत ही महत्वपूर्ण मानता हूँ।जब अपने भाईं बहनों से मिलना होता है । सब लोग साथ बैठते हैं। उसके बाद फिर ५ दिन का त्यौहार,घर की सफाई, घर को सजाना और खाने और मिठाइयों का मीनू तय करने का अपना ही एक मजा है। हमारे यहाँ गांव में दीवाली की मिठाइयां घर पर ही बनाते हैं,बाजार से नहीं खरीदते। ऐसा मानते है कि लक्ष्मी जी को भोग घर की मिठाइयों से लगाना चाहिये। और उन मिठाइयों को पूजन होने तक कोई खाता नहीं है।
शहरों में लोग छोटी दीपावली सही तरीके से नहीं मना पाते हैं क्योंकि यह घर के पालतू पशुओं गाय ,भैंस के पूजने का दिन होता है। क्योंकि गाय भैंस को भी धन के रूप में देखा जाता है। इस दिन हमारे यहाँ गाय भैंसों को नहलाया जाता है फिर उनके सींग रंगें जाते हैं। उनके लिये नई बेलें और नई घंटियां,जो उनके गले में बांधते हैं,वो लाते हैं। फिर उनकी पूजा होती है। हमारे गाँव में गाय भैंस हैं तो हमारे लिये ये दिन स्पेशल होता है। उन्हीं के दूध से बनी मिठाइयों से लक्ष्मी जी को भोग लगाया जाता है।
गोवर्धन के दिन सबसे ज्यादा मजा आता है क्योंकि पटाके इसी दिन चलाते हैं,हमारे गाँव में। मुझे और सब बच्चे लोगों को दीपावली पर सबसे अच्छा लगता है,रात होते ही दीपक और मोमबत्ती सारे घर में लगाना ।सब छत्त पर होते हैं। इसकाम के लिये। हमारे यहाँ खेतों में,देवताओं के थानों पर ,पुराने कुएँ पर सब जगह घी के दीपक जलाते हैं,जिससे कहीं भी अंधेरा ना रहे।
सब लोग एक दूसरे के घर जाते हैं, पूजन के बाद । बड़ा ही अच्छा लगता है। और भी बहुत कुछ होता है,लेकिन ये थोड़ा लम्बा हो जायेगा।आने वाली है। मुझे भी गाँव जाने का इंतजार है। बस आ जाये जल्दी से ।
—इस दीपावली घर के सारे कोने दीपक जलाकर रोशन करें। और पटाखों पर काबू रखें ,पर्यावरण को दीपकों से रोशन करें,पटाखों से नहीं।
इति।
चित्र सोर्स-मेरा मोबाइल ।।