Hindi, asked by pannapeed, 5 months ago

अपने-अपने जीवन लक्ष्य के बारे में दो मित्रों की बातचीत को संवाद रूप में लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए।​

Answers

Answered by bhatiamona
153

अपने-अपने जीवन लक्ष्य के बारे में दो मित्रों की बातचीत को संवाद

मित्र 1: रोहित तुमने अपने लक्ष्य के बारे में सोचा है क्या ?

मित्र2 : हाँ मोहित मैंने सोचा है , कि मैं भविष्य में क्या बनूँगा |

मित्र 1: मैंने बारवीं के बाद मेडिकल रखूंगा | तुमने क्या सोचा है?

मित्र2 : तुमने बहुत अच्छा सोचा है , मैं कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहता हूँ|

मित्र 1: तुमने भी बहुत अच्छा सोचा है|

मित्र2 : बस एक बात की चिन्ता हो रही है , कि करोना महामारी की वजह से आगे की पढ़ाई रुकी हुई लग रही है|

मित्र 1: बात तो ही है , अभी कुछ नहीं कह सकते| पता नहीं कब पहले की तरह सब ठीक होगा|

मित्र2 : हम घर में रह कर इंटरनेट की सहयता से पढ़ाई कर सकते और नई-नई बाते सिख सकते है|

मित्र 1: हाँ ऐसा करना पड़ेगा क्योंकि समय बर्बाद करने से कोई लाभ नहीं होगा|

मित्र2 : हमें अपने लक्ष्य के लिए अभी से परिश्रम करना होगा और मेहनत करने से लक्ष्य प्राप्त हो जाता है|

मित्र 1: सही बात है |

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जन्मदिन पर न आने की मजबूरी प्रकट करते हुए दो मित्रों के बीच में हुए संवाद को लिखिए।4. परीक्षा समाप्त होने के पश्चात दो सखियों के बीच संवाद लिखिए।​

Answered by vaanimalik94
11

Answer:

उत्तरः

रंजन – मित्र चंदन! बारहवीं के बाद तुमने क्या सोचा है?

चंदन – मित्र रंजन! मैंने तो अपना लक्ष्य पहले से ही तय कर रखा है। मैंने डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई भी शुरू कर दिया

रंजन – डॉक्टर ही क्यों?

चंदन – मैं डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहता हूँ।

रंजन – पर सेवा करने के तो और भी तरीके हैं ?

चंदन – पर मुझे यही तरीका पसंद है। डॉक्टर ही रोते-तड़पते मरीज के चेहरे पर मुसकान लौटाकर वापस भेजते हैं।

रंजन – पर कुछ डॉक्टर का भगवान का दूसरा रूप नहीं कहा जा सकता है?

चंदन – पर मैं सच्चा डॉक्टर बनकर दिखाऊँगा पर तुमने क्या सोचा है, अपने जीवनलक्ष्य के बारे में?

रंजन – पर इतनी मेहनत तो अपने वश की नहीं। सुना है-डॉक्टर, इंजीनियर बनने के लिए बड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है जो मेरे वश की नहीं।

चंदन – पर बिना मेहनत सफलता कैसे पाओगे? रंजन-मैं नेता बनकर देश सेवा करना चाहता हूँ।

चंदन – तूने ठीक सोचा है। हल्दी लगे न फिटकरी, रंग बने चोखा।

रंजन – नेता बनना भी आसान नहीं है। तुम्हारे लक्ष्य के लिए शुभकामनाएँ।

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