अपने अध्यापक के साथ साक्षरता की स्थिति पर संवाद लिखिए।
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साक्षरता संवाद
मैं-- गुरुजी ! एक सवाल पूछना चाहता हूँ, इजाजत हो तो पूछूँ ।
गुरुजी--- हाँ हाँ पछो बेटे ।
मैं--- साक्षरता के सही मायने क्या हैं ?
गुरुजी-- वाह ! साक्षरता के सही मायने जानना ही तो साक्षरता है बेटे ।
मैं--- वह कैसे?
गुरुजी-- चलो इस विषय पर विस्तार से बातें करते हैं।
वह स्थिति जिस आधार पर जिज्ञासाओं का हल ढूँढकर नई पिढियों को सजग और समझदार बनाया जा सके।
मैं--- 'नई पिढी और सजग' को कैसे समझे?
गुरुजी--- 'नई पिढी और सजग' का अर्थ है जैसे तुम और तुम्हारे सहपाठी या ये कहो कि वे सभी जो पढ़ लिखकर एक समझदार नागरिक बनना चाहते हैं और परिवार , समाज , तथा राष्ट्र की सेवा कर अपने जन्म को साकार बनाना चाहते हैं । सोचो, तुमको या तुम्हारी
वस्तु को कोई हानि पहुँचाता है तो तुम क्या करते हो?
मैं--- आपसे शिकायत करने की बात कर उसे समझाऊँगा, न मानने पर उसे आपको समझाने की विनती करुंगा ।
गुरुजी-- बस यही तो साक्षरता की सुरूआत है जिसका आगे कई नये आयाम मिलते हैं जिसके बल पर एक मनुष्य अपना और अपने देश का भविष्य तय करता हैं ।
मैं-- बस गुरूजी !मैं बहुत कुछ सीख लिया और गुरु की बातों को समझकर समझदार बनने की बात अपने मित्रों, सहपाठीयों तथा विद्यालय के बाहर के दोस्तों को बताकर उन्हें विद्यालय आने को कहूँगा जिससे हम स्वस्थ्य और खुशहाल बने तथा अपना भला-बुरा का विचार कर इसमें फर्क महसूस कर सकें ।
गुरजी-- हमसभी गुरूओं को तुमसे और सभी छात्रों से यही उम्मीद रखनी चाहिए।तो देखिए मेरा जबाब, आशा है यह आशानुरूप होगा। सधन्यवाद ।