अपने भाई बहन से झगड़ा कैसे ना करें ।
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अपने भाई बहन से झगड़ा कैसे ना करें ।
Explanation:
.एक-दूसरे की खासियत लिखें
अपने बच्चों से कहें कि वो एक-दूसरे की खासियतों को एक पेपर पर लिखें। जब एक बच्चा ये जानेगा कि दूसरा उसके बारे में कितना अच्छा सोच रहा है तो वो जरूर अपने मन से उसके बारे में गलत बातें निकाल देगा। इस तरह की एक्टिविटी बच्चों में अपने भाई- बहनों का हर हालात में साथ देने के लिए मोटीवेट करेंगी। इस तरह के प्रयास से भाई-बहन के बीच रिश्ते की नींव बचपन से ही मजबूत पड़ेगी जो जिंदगी भर उनके काम आएगी।
2.देखो, वो तुम्हारी मदद करता हैं
बच्चें जब आपसे भाई या बहन की गलती बताएं तो उनकी बात खुल कर सुनें, पर उन्हें यह जरूर समझाएं कि उनके भाई या बहन ने उनकी कैसे, कब और कितनी मदद की है। जैसे कई बार बड़े भाई-बहन अपने से छोटे भाई-बहनों की होमवर्क में मदद करते हैं या फिर उनके साथ खेलते हैं। मूल रूप से आपको अपने बच्चों को यह सिखाना होगा कि उनमें से कोई भी एक-दूसरे के बिना नही रह पाएगा। इसलिए बेहतर है कि वे साथ-साथ खुश होकर रहें न कि लड़ाई करके।
3.पक्षपात न करें
कई बार माता-पिता बड़े बच्चों से चुप हो जाने की अपेक्षा रखते हैं। उन्हें कहते हैं, ‘तुम बड़े हो, तुम्हें सोचना चाहिए था।’ यह तरीका एकदम गलत हैं।बच्चे को उसकी उम्र और जरूरत के हिसाब से आपको समझाना होगा और व्यवहार करना होगा। वो बड़ा जरूर हैं , पर उसकी उम्र कितनी हैं इस बात को भी आपको ध्यान में रखना होगा।
4.जब न संभल रहा हो झगड़ा
ऐसा कई बार होता हैं , जब बच्चों का झगड़ा संभलता ही नहीं हैं । बच्चे आपस में चिल्लाकर बात कर रहे होते हैं। दोनों में से कोई आपकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं होता। आपके डांटने और चिल्लाने पर भी अगर बच्चों का झगड़ा शांत न हो तो दोनों को एक-दूसरे की नजरों से कुछ देर के लिए दूर कर दें। दोनों बच्चों को खेलने के लिए बाहर भेज दें। जब उनका ध्यान और एनर्जी कहीं और फोकस्ड होने लगेगा तो आपसी लड़ाई को वे तुरंत भूल जाएंगे। संभव हैं कि बाहर अगर कोई तीसरा बच्चा उन्हें परेशान करने लगे तो वे दोनों ही टीम बनकर उसका मुकाबला करने लगें। बच्चे का ध्यान लड़ाई की जगह कहीं और लगाकर आप उनके झगड़े पर लगाम लगा सकती हैं।
5.झगड़ा खत्म करने के बारे में सोचो
बच्चों को यह भी बताना जरूरी है कि झगड़ा बढ़ाने का फायदा नहीं होता, बल्कि झगड़ा खत्म करने के कई फायदे होते हैं। अपनी बात शांति से सामने रख कर परेशानी का हल निकल सकता हैं , चीख-चिल्लाकर नहीं। उन्हें यह भी समझाएं कि एक-दूसरे की जो बातें उन्हें पसंद नहीं हैं, उन बातों को स्पष्ट बता दें। ऐसा नहीं करने पर मन में बात बैठी रहेगी और आगे चल कर यह उनके लिए आपस में बैर का कारण भी बन सकती हैं |