अपने घर पर एक दिन घर के काम में अपने बड़ों की मदद करें तथा अनुभव डायरी लेखन के रूप में लगभग 200 शब्दों में लिखे
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अपने घर पर एक दिन घर के काम में अपने बड़ों की मदद करें तथा अनुभव डायरी लेखन के रूप में लगभग 200 शब्दों में लिखे|
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मुझे अच्छे से याद है , जब हम शादी अपने भाई की शादी के लिए गाँव गए थे | मैंने अपनी दादी जी और बड़ो की बहुत मदद की और मुझे काम करने बड़ा मज़ा आया | मैंने दादी जी के साथ मिलकर फूल ले के आई थी और उसके बाद हमने सारे फूलों की बहुत सारी मालाएँ बनाई और पूरे को मालाओं से सजाया | गाँव में पानी भी बड़ी दूर से लाना पड़ता थे | सुबह और शाम मैं रोज़ पानी लेने जाती थी | एक दिन मिलकर हमने बहुत सारी मिठाइयाँ बनाई | अलग-अलग तरह की मिठाइयाँ बनाई और सारी सब रिश्तेदारों को देने के लिए डब्बों में डाली और उन सब पर नाम लिखकर एक साथ रख दिए ताकी उस समय कोई परेशानी ना हो | मैंने गाँव जा खाना बनाना भी सिखा | रोज़-रोज़ मैं सब की खाना बनाने में मदद करती थी | समय का पता नहीं चलता था पूरा दिन नए-नए काम करने में और सीखने में लग जाता था | सच में मज़ा बहुत आता था सब के साथ मिल कर काम करने में | हम सब को बड़ो की मदद करनी चाहिए और मदद करने से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है और उनको भी अच्छा लगता है |
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