। अपने मित्र को सत्संगति का महत्व बताते हुए एक पत्र लिखिए।
Answers
Answer:
Satsangati ka mahatva batate Hue Mitra ko Patra lekhan
अतः पत्र पाते ही अवश्य लिखना। तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है ? सदैव अच्छी संगति का ही चलन करना। अच्छी संगति सदैव मनुष्य को सद्मार्ग दिखाती है तथा उसे प्रगति की ओर अग्रसर करती है।
डी-1/74, सत्य मार्ग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली।
दिनांक : 6 अगस्त, 20xx
प्रिय मित्र अर्पित
सप्रेम नमस्ते।
मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ और ईश्वर से तुम्हारी कुशलता की कामना करता हूँ। मित्र, कल मुझे चाचा जी का पत्र मिला और यह पढ़कर बहुत दुख हुआ कि कुछ गलत मित्रों की संगति में रहकर तुम अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हो। तुम्हें याद होगा कि तुम्हारे दादा ने एक बार स्वाति नक्षत्र में बरसने वाले पानी की बूँद का उदाहरण देकर हमें कितनी अच्छी तरह से संगति के महत्व के बारे में समझाया था। जीवन में कदम-कदम पर मित्रों की आवश्यकता पड़ती है। एक सच्चा और अच्छा मित्र ईश्वर द्वारा दिए गए अमूल्य वरदान के समान होता है।
हमारे जीवन के ये वर्ष बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। समय तथा अवसर किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। आज यदि गलत मित्रों की संगति में तुम अपना समय गँवा दोगे, तो बाद में सिवाय पछताने के कुछ हाथ नहीं आएगा। आदित्य, तुम अपने सामर्थ्य को पहचानो। चाचा-चाची ने तुम्हें लेकर न जाने कितने सपने संजोए हैं। उन्हें पूरा करना तुम्हारा कर्तव्य है।
आशा करता हूँ कि मेरी बातों को गंभीरता से लोगे और ऐसे मित्रों की संगति में रहोगे जो जीवन-मार्ग पर आगे बढ़ने में तुम्हारी मदद कर सकें। चाचा-चाची को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र
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Explanation:
Satsangati ka mahatva batate Hue Mitra ko Patra lekhan
अतः पत्र पाते ही अवश्य लिखना। तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है ? सदैव अच्छी संगति का ही चलन करना। अच्छी संगति सदैव मनुष्य को सद्मार्ग दिखाती है तथा उसे प्रगति की ओर अग्रसर करती है।
डी-1/74, सत्य मार्ग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली।
दिनांक : 6 अगस्त, 20xx
प्रिय मित्र अर्पित
सप्रेम नमस्ते।
मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ और ईश्वर से तुम्हारी कुशलता की कामना करता हूँ। मित्र, कल मुझे चाचा जी का पत्र मिला और यह पढ़कर बहुत दुख हुआ कि कुछ गलत मित्रों की संगति में रहकर तुम अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हो। तुम्हें याद होगा कि तुम्हारे दादा ने एक बार स्वाति नक्षत्र में बरसने वाले पानी की बूँद का उदाहरण देकर हमें कितनी अच्छी तरह से संगति के महत्व के बारे में समझाया था। जीवन में कदम-कदम पर मित्रों की आवश्यकता पड़ती है। एक सच्चा और अच्छा मित्र ईश्वर द्वारा दिए गए अमूल्य वरदान के समान होता है।
हमारे जीवन के ये वर्ष बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। समय तथा अवसर किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। आज यदि गलत मित्रों की संगति में तुम अपना समय गँवा दोगे, तो बाद में सिवाय पछताने के कुछ हाथ नहीं आएगा। आदित्य, तुम अपने सामर्थ्य को पहचानो। चाचा-चाची ने तुम्हें लेकर न जाने कितने सपने संजोए हैं। उन्हें पूरा करना तुम्हारा कर्तव्य है।
आशा करता हूँ कि मेरी बातों को गंभीरता से लोगे और ऐसे मित्रों की संगति में रहोगे जो जीवन-मार्ग पर आगे बढ़ने में तुम्हारी मदद कर सकें। चाचा-चाची को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र