Hindi, asked by 8ashashankkuma76, 3 months ago

अपने मन पसंद त्यौहार के बारे में लिखिए।​

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Answered by greninja2008
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Answer:

प्रस्तावना:

दीवाली भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है । दीवाली शब्द दीपावली का अपभ्रश है, जिसका अर्थ दीपों की पंक्ति होता है । यह त्यौहार कार्तिक मारन के मध्य में अर्थात् कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है । इसी समय जाड़े का प्रारम्भ होने लगता है ।

क्यों मनाया जाता है:

इस त्यौहार के बारे में भी लोगों के विभिन्न मत हैं । जैनियो का विश्वास है कि इस दिन महावीर स्वामी स्वर्ग गए थे । वहाँ देवताओं ने उनका हार्दिक स्वागत किया था । इस दिन उन्हें निर्वाण प्राप्त हुआ था इसी यादगार में यह त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है ।

हिन्दुओं का मत है कि इस दिन रावण पर विजय प्राप्त करके श्रीरामचन्द्र जी अयोध्या पहुंचे थे । अयोध्यावासियो ने अपने घरों को खूब सजाया और दीपो की पंक्ति से जगमगा कर श्रीरामचन्द्र जी का बड़े आदर और सम्मान से स्वागत किया । इसी याद में हर वर्ष लोग दीवाली का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाते हैं ।

त्यौहार की तैयारी:

यह त्यौहार बड़े शान और शौकत से मनाया जाता है । लोग काफी समय पहले से अपने-अपने घरों और दुकानों की सफाई करते है, दीवारों पर सफेदी कराते हैं तथा दरवाजो, खिड़कियो और फर्नीचर आदि पर रग-रोगन करते हैं । त्यौहार के दिन लोग घरो औरं दुकानो को खूब सजाते हैं । तरह-तरह के पकवान और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं । शाम को लोग बिजली के बच्चो, मोमबत्तियों और तेल के दियो से घर का कोना-कोना सजा देते हैं ।

त्यौहार कैसे मनाया जाता है:

दीवाली की रात लोग अपने-अपने घरों और दुकानो को खूब रोशन करते हैं । साधारण लोग मिट्टी के दीपकों और मोमबत्तियों से तथा बड़े और समृद्ध लोग बिजली के रंगीन बच्चों की झालर से रोशनी करते हैं । तरह-तरह के पटाखे और आतिशबाजी पर बड़ी धनराशि व्यय की जाती है । शाम से ही हर तरफ से पटाखों का शोर सुनाई पड़ने लगता है । सभी लोग नए और अच्छे-अच्छे वस्त्र और परिधान पहने बडी प्रसन्न मुद्रा में दिखाई देते हैं ।

रात्रि के समय घरों और दुकानो में धन की देवी लक्ष्मी जी का पूजन बड़ी श्रद्धा से किया जाता है । खील-बताशों का इस दिन विशेष महत्त्व होता है । तरह-तरह के पकवान और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है और लक्ष्मी जी की आरती उतारी जाती है ।

पूजन के बाद घर के लोग प्रसाद के रूप में खील-बताशे तथा मिठाइयाँ खाते हैं । अपने-अपने रिश्तेदारों और मित्रों के घर मिठाई और खील-बताशे भेजे जाते है । नौकरों को बख्शीश दी जाती है और भिखारियों को दान दिया जाता है ।

व्यापारी वर्ग इस दिन अपने पुराने खाते बन्द करके नया खाता प्रारंभ करते हैं । इसी दिन उनका नया लेखा वर्ष प्रारम्भ होता है । हिन्दुओं का विश्वास है कि इस दिन लक्ष्मी जी सभी घरों का चक्कर लगाती हैं और जिस घर में अंधेरा देखती हैं और बन्द पाती हैं, वही से नाराज होकर चली जाती हैं । इसलिए हिन्दू अपने-अपने घरों में रात भर खूब रोशनी करते हैं और जागते रहते हैं ।

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