Hindi, asked by mohodlaxman, 1 month ago

अपनी पसंद के दो दोहो
का भावार्थ लिखिए​

Answers

Answered by rajputroshni542
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1. रहिमन अति न कीजिए, गहि रहिए निज कानि सैंजन अति फूलै तऊ, डार पात की हानि ||

→ कविवर रहीम कहते हैं कि कभी भी किसी कार्य और व्यवहार में अति न कीजिये। अपनी मर्यादा और सीमा में रहें। इधर उधर कूदने फांदने से कुछ नहीं मिलता बल्कि हानि की आशंका बलवती हो उठती है.

2. जहाँ गाँठ तहँ रस नहीं, यह रहीम जग होय मंड़ए तर की गाँठ में, गाँठ गाँठ रस होय ||

→ कविवर रहीम कहते हैं कि यह संसार खोजकर देख लिया है, जहाँ परस्पर ईर्ष्या आदि की गाँठ है, वहाँ आनंद नहीं है. महुए के पेड़ की प्रत्येक गाँठ में रस ही रस होता है क्योंकि वे परस्पर जुडी होतीं हैं.

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