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उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक कहानी
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी फिल्म की शुरुआत एक मिशन से होती है, जहां मेजर विहान शेरगिल (विकी कौशल) और कैप्टन करण कश्यप (मोहित रैना) अपनी टीम के साथ मणिपुर में आंतकियों का खात्मा करते नजर आते हैं। विहान शेरगिल भारतीय सेना के कौशल जवान हैं जो युद्ध की जबरदस्त रणनीति बनाते हैं और उनके अंतर्गत किये गए सभी मिशन सफल रहे हैं। लेकिन अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से विहान बॉर्डर छोड़कर दिल्ली में आसूचना केंद्र में अपनी पोस्टिंग ले लेते हैं।
फिल्म की कहानी फिल्म की शुरुआत एक मिशन से होती है, जहां मेजर विहान शेरगिल (विकी कौशल) और कैप्टन करण कश्यप (मोहित रैना) अपनी टीम के साथ मणिपुर में आंतकियों का खात्मा करते नजर आते हैं। विहान शेरगिल भारतीय सेना के कौशल जवान हैं जो युद्ध की जबरदस्त रणनीति बनाते हैं और उनके अंतर्गत किये गए सभी मिशन सफल रहे हैं। लेकिन अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से विहान बॉर्डर छोड़कर दिल्ली में आसूचना केंद्र में अपनी पोस्टिंग ले लेते हैं।विहान की मां (स्वरूप संपत) अल्जाइमर्स से पीड़ित हैं, लिहाजा वह दिल्ली में मां के साथ रहकर उनकी देखभाल करते हैं। लेकिन इसी बीच उरी में एक आतंकी हमला होता है, जिसमें 19 जवान शहीद हो जाते हैं। इस घटना से दिल्ली में बैठी सत्ता भी हिल जाती है और आतंकवादियों को ठिकाने लगाने के लिए विचार विमर्श करती है। ऐसे में देश के सुरक्षा सलाहकार (परेश रावल) प्रधानमंत्री को सुझाव देते हैं-पाकिस्तान जो भाषा समझता है, उसको उसी भाषा में जवाब देने का समय आ गया है.. सर, सर्जिकल स्ट्राइक। कुछ सोच विचार के बाद पीएम की ओर से मंजूरी मिल जाती है।
फिल्म की कहानी फिल्म की शुरुआत एक मिशन से होती है, जहां मेजर विहान शेरगिल (विकी कौशल) और कैप्टन करण कश्यप (मोहित रैना) अपनी टीम के साथ मणिपुर में आंतकियों का खात्मा करते नजर आते हैं। विहान शेरगिल भारतीय सेना के कौशल जवान हैं जो युद्ध की जबरदस्त रणनीति बनाते हैं और उनके अंतर्गत किये गए सभी मिशन सफल रहे हैं। लेकिन अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से विहान बॉर्डर छोड़कर दिल्ली में आसूचना केंद्र में अपनी पोस्टिंग ले लेते हैं।विहान की मां (स्वरूप संपत) अल्जाइमर्स से पीड़ित हैं, लिहाजा वह दिल्ली में मां के साथ रहकर उनकी देखभाल करते हैं। लेकिन इसी बीच उरी में एक आतंकी हमला होता है, जिसमें 19 जवान शहीद हो जाते हैं। इस घटना से दिल्ली में बैठी सत्ता भी हिल जाती है और आतंकवादियों को ठिकाने लगाने के लिए विचार विमर्श करती है। ऐसे में देश के सुरक्षा सलाहकार (परेश रावल) प्रधानमंत्री को सुझाव देते हैं-पाकिस्तान जो भाषा समझता है, उसको उसी भाषा में जवाब देने का समय आ गया है.. सर, सर्जिकल स्ट्राइक। कुछ सोच विचार के बाद पीएम की ओर से मंजूरी मिल जाती है।इसके बाद किस तरह आक्रोश और जोश से भरपूर मेजर विहान शेरगिल बाकी जवानों के साथ मिलकर पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों का खात्मा करते हैं और अपने जवानों की शहादत का बदला लेते हैं, यह निर्देशक ने शानदार तरीके से दर्शाया है। इस मिशन को पूरा करने में साथ देती हैं इंटेलिजेंस अफसर पल्लवी (यामी गौतम) और वायु सेना की कमांडर कीर्ति कुल्हारी।
फिल्म की कहानी फिल्म की शुरुआत एक मिशन से होती है, जहां मेजर विहान शेरगिल (विकी कौशल) और कैप्टन करण कश्यप (मोहित रैना) अपनी टीम के साथ मणिपुर में आंतकियों का खात्मा करते नजर आते हैं। विहान शेरगिल भारतीय सेना के कौशल जवान हैं जो युद्ध की जबरदस्त रणनीति बनाते हैं और उनके अंतर्गत किये गए सभी मिशन सफल रहे हैं। लेकिन अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से विहान बॉर्डर छोड़कर दिल्ली में आसूचना केंद्र में अपनी पोस्टिंग ले लेते हैं।विहान की मां (स्वरूप संपत) अल्जाइमर्स से पीड़ित हैं, लिहाजा वह दिल्ली में मां के साथ रहकर उनकी देखभाल करते हैं। लेकिन इसी बीच उरी में एक आतंकी हमला होता है, जिसमें 19 जवान शहीद हो जाते हैं। इस घटना से दिल्ली में बैठी सत्ता भी हिल जाती है और आतंकवादियों को ठिकाने लगाने के लिए विचार विमर्श करती है। ऐसे में देश के सुरक्षा सलाहकार (परेश रावल) प्रधानमंत्री को सुझाव देते हैं-पाकिस्तान जो भाषा समझता है, उसको उसी भाषा में जवाब देने का समय आ गया है.. सर, सर्जिकल स्ट्राइक। कुछ सोच विचार के बाद पीएम की ओर से मंजूरी मिल जाती है।इसके बाद किस तरह आक्रोश और जोश से भरपूर मेजर विहान शेरगिल बाकी जवानों के साथ मिलकर पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों का खात्मा करते हैं और अपने जवानों की शहादत का बदला लेते हैं, यह निर्देशक ने शानदार तरीके से दर्शाया है। इस मिशन को पूरा करने में साथ देती हैं इंटेलिजेंस अफसर पल्लवी (यामी गौतम) और वायु सेना की कमांडर कीर्ति कुल्हारी।फिल्म को मुख्य तौर में चार भागों में बांटा गया है। जहां पहले तीन भाग में भारतीय सेना पर हुए अलग अलग आतंकी हमलों को दिखाया गया है। वहीं, चौथा भाग सर्जिकल स्ट्राइकल पर केंद्रित है। फर्स्ट हॉफ में जहां कुछ सीन आपको भावुक कर जाएंगे, वहीं कुछ सीन देशभक्ति का ऐसा जज्बा जगाती है जो खून खौला दे। फिल्म के सेकेंड हॉफ में भरपूर थ्रिल है। भारतीय सेना के जवान किस तरह सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देते हैं, यह दर्शक बिना पलक झपकाए देखना चाहेंगे। फिल्म के एक्शन सीन्स को उम्दा तरीके से फिल्माया गया है। खास बात है कि पूरी घटना पता होने के बावजूद फिल्म आपको अंत तक बांधे रखती है।
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