अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए जिसमें आपके सहपाठी के प्रशंसनीय और साहसिक यात-
। व्यवहार के लिए
सम्मानित करने का अनुरोध हो।
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Answer:
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी,
डी.ए.वी पब्लिक स्कूल शिमला,
दिनांक-3-09-2019
विषय - प्रधानाचार्य जी को 'वीरता पुरस्कार' से सम्मानित के लिए सिफारिश करते पत्र|
महोदया जी,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं (बी) का छात्र हूँ । मैं आपको यह बताना चाहता हूँ , पिछले हफ़्ते आप स्कूल में नहीं थे | हमारी स्कूल की कैंटीन में किसी वजह से आग लग है और सब अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे | कैंटीन में पाँचवीं कक्षा का बच्चा अंदर रह गया | हमारी कक्षा के विपिन ने बड़ी वीरता और साहस से उसकी जान बचाई और उसे बहार निकला | यह हमारे स्कूल के लिए बड़ी वीरता और प्रशंसनीय और साहसिक का कार्य किया है | आपसे से मेरा निवेदन है की आप विपिन को 'वीरता पुरस्कार' और प्रशंसनीय और साहसिक व्यवहार से सम्मानित करें | विपिन बहुत बहादुर लड़का उसने अपनी जान की प्रवाह किए बना उसकी जान बचाई |
आपकी महान कृपया होगी |
धन्यवाद ,
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
रोहित दसवीं (बी) |
Answer:
सेवा में
प्रधानाचार्या
टैगोर इंटरनेशनल स्कूल
वसंत विहार
नई दिल्ली
विषय : सहपाठी के प्रशंसनीय और साहसिक व्यवहार के संबंध में।
महोदया,
मैं आपके विद्यालय में दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। आपको अत्यंत विनयपूर्वक अपने सहपाठी राहुल की प्रशंसनीय गाथा सुनाना चाहता हूँ।
कल प्रात: की बात है; हमारे विद्यालय के बाहर कुछ शरारती तत्वों ने हमारे विद्यालय की कुछ छात्राओं के साथ छेड़खानी की। वे लड़कियाँ डरी-डरी-सी दुबकी चली आ रही थीं। तभी राहुल ने उन लड़कों को ललकारा। उन लड़कों ने राहुल को गालियाँ दी और धमकी भी दी। इस पर राहुल ने बिना घबराए उनमें से एक लड़के का गिरेबान पकड़ लिया। वे शरारती लड़के इकट्ठे होकर राहुल की ओर झपटे। तब तक स्कूल के और बच्चे भी इकट्ठे होने लगे थे। सबने मिलकर उन्हें दबोच लिया। उनकी खूब पिटाई की। गुंडे लड़कों ने गिड़गिड़ाते हुए लड़कियों से माफ़ी भी माँगी