Hindi, asked by abhaysingh0760, 3 months ago

अपराधी तखो के राजनीति मे डाने से लोकतंत्र
को खतरा हो सकता है रस विषय पर अपने
विचार व्यत करते हुर खपादक नवभारत टाइम्स
वहातुर शाह जफर मार्ग दिल्ली को पत्र
लिखे​

Answers

Answered by praveen77jaiswal
1

Answer:

hi

Explanation:

बहादुर शाह ज़फर (1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह, और उर्दू के जानेे-माने शायर थे। उन्होंने १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया। युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया जहाँ उनकी मृत्यु हुई ।

बहादुर शाह ज़फ़र

जब मेजर हडसन मुगल सम्राट को गिरफ्तार करने के लिए हुमायूं के मकबरे में पहुंचा, जहां पर बहादुर शाह ज़फर अपने दो बेटों के साथ छुपे हुए थे, तो उसने (मेजर हडसन) की स्वयं उर्दू का थोड़ा ज्ञान रखता था ,कहा -

"दमदमे में दम नहीं है ख़ैर मांगो जान की.. ऐ ज़फर ठंडी हुई अब तेग हिंदुस्तान की.."

इस पर ज़फ़र ने उत्तर दिया-

"ग़ज़ियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की.. तख़्त ऐ लंदन तक चलेगी तेग हिंदुस्तान की."

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