अपठित गद्याश
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विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन का वह भाग है जिसमे हम सिर्फ सीखते है। यह
सीखना कई क्षेत्रो मे होता है। जैसे पुस्तकीय ज्ञान, खेलकूद, अनुशासन, व्यावहारिक ज्ञान
आदि। इस अवस्था में सीखने की इच्छा प्रबल होती है, बुद्धि इतनी कोमल व चिंतामुक्त
होती है कि कठिन से कठिन कार्य भी विद्यार्थी झटपट सीख जाता है। इस अवस्था मे सीखने
वाले जीवन की डगर पर सफलता से बढ़ने है जी नया सीखने मे अपना मन और बुद्धि
नहीं लगाते वे पिछड़ जाते है। जीवन की चुनौतियों को सहने की ताकत उनमे नहीं आ
पाती। राह पर विश्वास के साथ आगे बढ़ने में असफल रहते है। समय निकल जाने पर
उनका पछताना भी व्यर्थ रहता है लक्ष्य प्राप्ति नही कर पाते। उन्हें समाज मे अपना स्थान
बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। कदम-कदम पर चुनौतियों का सामना करना
पड़ता है।
(1) गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(2) सीखने की अवस्था कौन सी है?
(3) मनुष्य किस-किस क्षेत्र में मुख्य रूप से सीखता है ?
(4) हर क्षेत्र मे सीखने का क्या लाभ होता है ?
(5) जो लोग समय पर नही सीखते उन्हे पछताना पड़ता है ?
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Answer:
1). विद्यार्थी जीवन
2).इस अवस्था मे सीखने
वाले जीवन की डगर पर सफलता से बढ़ने है जी नया सीखने मे अपना मन और बुद्धि
नहीं लगाते वे पिछड़ जाते है।
3). यह
सीखना कई क्षेत्रो मे होता है। जैसे पुस्तकीय ज्ञान, खेलकूद, अनुशासन, व्यावहारिक ज्ञान
आदि।
4). उनका पछताना भी व्यर्थ रहता है लक्ष्य प्राप्ति नही कर पाते। उन्हें समाज मे अपना स्थान
बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
5).
बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। कदम-कदम पर चुनौतियों का सामना करना
पड़ता है।
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