Hindi, asked by abimanyupradhan1, 3 months ago

अपठित गद्यांश
.
नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
श्रम' जीवन की वह कुंजी है जो भाग्य का ताला खोल देती है। व्यक्ति शारीरिक और मानसिक श्रम के
द्वारा जीवन की कठिनाइयों पर विजय आसानी से प्राप्त कर सकता है। श्रम के माध्यम से मनुष्य सबल
बनता है तथा परिवार समाज व देश की उन्नति का कारण बनता है। प्रकृति भी सभी को यही संदेश देती है
कि 'श्रम' की ताकत के आगे कुछ भी नामुमकिन नहीं रहता। मधुमक्खी और चीटियाँ पूरे वर्ष मेहनत करती
रहती हैं और मनुष्य को संदेश देती हैं कि श्रम कभी भी व्यर्थ नहीं जाता। श्रम जीवन में सफलता के द्वार
खोलता है। किसान की मेहनत जब अनाज बनकर खेतों में उपजती है तो उसकी खुशी और उत्साह दुगुना हो
जाता है। श्रम और अभ्यास ने कबीर, तुलसी, गांधी, नेहरू जैसी महान विभूतियों को प्रसिद्धि दिलाई। अभ्यास
लक्ष्य प्राप्ति का वह सरल साधन है जो 'श्रम' के महत्व को जीवन में स्थापित करता है।
(क) श्रम किस ताले की कुंजी है?
(ख) श्रम द्वारा मनुष्य किसकी उन्नति करता है?
(ग) चीटियाँ क्या संदेश देती हैं?
(घ) 'सबल' और 'नामुमकिन' का विलोम बताइए।
(ङ) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by achouhanxxx11
4

Answer:

1) श्रम भाग्य के ताले की कुंजी है।

2)श्रम के माध्यम से मनुष्य सबल

बनता है तथा परिवार समाज व देश की उन्नति का कारण बनता है।

3)चीटियाँ पूरे वर्ष मेहनत करती

रहती हैं और मनुष्य को संदेश देती हैं कि श्रम कभी भी व्यर्थ नहीं जाता।

4)सबल-दुर्बल. नामुमकिन- मुमकिन

5)श्रम का फल - गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है।

Explanation:

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Answered by shawsoni877
0

Answer:

1) श्रम भाग्य के ताले की कुंजी है ।

2)श्रम के माध्यम से मनुष्य सबल

बनता है तथा परिवार समाज व देश की उन्नति का कारण बनता है।

3) चीटियाँ पूरे वर्ष मेहनत करती

रहती हैं और मनुष्य को संदेश देती हैं कि श्रम कभी भी व्यर्थ नहीं जाता।

4) सबल दुर्बल, नामुमकिन मुमकिन 5) श्रम का फल - गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है।

MARK THE BRAINLIEST

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