Apne Adhyapak ki khubiya par samvad likhe
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Answer:
गुमनामी के अंधेरे में था
पहचान बना दिया
दुनिया के गम से मुझे
अनजान बना दिया
उनकी ऐसी कृपा हुई
गुरू ने मुझे एक अच्छा
इंसान बना दिया
ले गए आप इस स्कूल को उस मुकाम पर ,
गर्व से उठते हैं हमारे सर , हम रहे ना रहे कल ,
याद आएंगे आपके साथ बिताये हुए पल ,
हमे आपकी जरुरत रहेगी हर पल।
गुरु का महत्व कभी होगा ना कम,
भले कर ले कितनी भी उन्नति हम,
वैसे तो है इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान,
पर अच्छे बुरे की नहीं है उसे पहचान…
तुमने सिखाया ऊँगली पकड़ कर चलना,
तुमने सिखाया कैसे गिरने के बाद सम्भलना,
तुम्हारी वजह से आज हम पहुंचे है आज इस मुकाम पे,
आज शिक्षक दिवस के दिन करते है
सही क्या है ? गलत क्या है ? ये सबक पढ़ाते हैं आप,
झूठ क्या है ? सच क्या है ? ये बात समझाते हैं आप,
जब सूझता नहीं कुछ भी ,राहों को सरल बनाते हैं आप।
गुरूदेव के श्रीचरणों में
श्रद्धा सुमन संग वंदन
जिनके कृपा नीर से
जीवन हुआ चंदन
धरती कहती, अंबर कहते
कहती यही तराना
गुरू आप ही वो पावन नूर हैं
जिनसे रौशन हुआ जमाना
हमारा मार्गदर्शक बनने,
हमें प्रेरित करने और
हमें वो बनाने के लिए
जो कि हम आज हैं,
हे शिक्षक आपका धन्यव
अज्ञानता को दूर करके ज्ञान की ज्योत जलाई है,
गुरुवर के चरणों में रहकर हमने शिक्षा पाई है,
गलत राह पर भटके जब हम,
तो गुरुवर ने राह दिखाई है.
गुरू बिना ज्ञान कहाँ,
उसके ज्ञान का आदि न अंत यहाँ।
गुरू ने दी शिक्षा जहाँ,
उठी शिष्टाचार की मूरत वहाँ।
टीचर टीचर, आज ना कुछ कहना हमको,
आज हम खुब मौज उडाऐंगे,
साल भर तो आपकी हमने सुनी,
आज हम बाते आपको अपनी बताऐंगे ।