Hindi, asked by anshikakumari20, 1 year ago

apne anusar Ishwar ke guno ka warnan kigiye
CLASS-9 SAHITYA SAGAR
CH-1 (kabir ki sakhi)

Answers

Answered by Anonymous
3
hey dear☺☺❤
==================

वेदों के अनुसार और सामान्य समझ के आधार पर भी ईश्वर निराकार है ।

(1) अगर वो साकार है तो हर जगह नहीं हो सकता । क्यूंकि आकार वाली वस्तु की अपनी कोई न कोई तो परिसीमा होती है । इसलिए अगर वो साकार होगा तो वह उस परिसीमा के बाहर नहीं होगा ।

(2)  हम ईश्वर के आकार को देख पायें यह यह तभी संभव है जब  कि वह स्थूल हो। क्यूँकि प्रकाश को परावर्तित करने वाले पदार्थों से सूक्ष्म पदार्थों को देखा नहीं जा सकता । किन्तु वेदों में ईश्वर को स्पष्ट रूप से सूक्ष्मतम, छिद्रों से रहित तथा एकरस कहा है (यजुर्वेद 40.8) । इसलिए ईश्वर साकार नहीं हो सकता ।

(3)  ईश्वर साकार है तो इसका अर्थ है कि उसका आकार किसी ने बनाया  है । लेकिन ये कैसे हो सकता है क्यूंकि उसीने तो सबको बनाया है तो उससे पहले तो कोई था ही नहीं तो  फिर उसे कोई कैसे बना सकता है । और अगर ये कहें कि उसने खुद अपना आकार बनाया तो इसका अर्थ हुआ कि उसके पहले वो निराकार था ।

(4) और अगर आप ये कहें की ईश्वर साकार और निराकार दोनों है तो यह तो कैसे भी संभव नहीं है क्यूंकि ये दोनों गुण एक ही पदार्थ में नहीं हो सकते ।







hope it's help uuu ☺

Anonymous: will u follow me please
anshikakumari20: thanks for your help
anshikakumari20: ok
anshikakumari20: you too
Anonymous: my pleasure
anshikakumari20: please
Anonymous: hm
Anonymous: please mark as brainliest
Similar questions