Hindi, asked by wwwraghavsalu5265, 1 year ago

Apne mitra ko pasu palan ka mahatva samjhate hue patra likhiye

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Answered by sunilsahanisks8
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पशु-पक्षी हमारे दैनिक जीवन के आवश्यक अंग है| हम सुबह पक्षियों के कलरव के साथ जागते है| घर में प्रयुक्त होने वाला दूध हमें गाय या भेंस से ही मिलता है|पशु-पक्षी हमारे जीवन का अटूट हिस्सा है| विधाता ने जब सृष्टि रचना की तो प्राकृतिक व्यवस्था का पूर्व-निर्धारण भी कर दिया| पशु-पक्षी निर्जन वन में जीवन निर्वाह कर सकते हैं| उन्हें मानव पर निर्भर रहने की कोई आवश्यकता नहीं है| वन में उन्हें पीने के लिए जल और खाने के लिए फल वनस्पति प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है| जंगली जानवरों को शिकार सुलभ है| मानव अपने स्वार्थवश उन्हें अपने आस-पास रखता है|



  मानव की मूल पृकृति स्वार्थ साधना है| वहीँ पशु-पक्षी निरीह होते है| स्नेह मिलने पर वे मानव को अपना परम मित्र मानते है और आवश्यकता पड़ने पर उसके सहयोगार्थ प्राण तक न्यौछावर कर देते है| कुत्ते की स्वामिभक्ति प्रसिद्ध है| दुधारू पशु अपने बच्चोंको दूध से वंचित करके हमें दूध देते है| विभिन्न प्रकार  के रंग-बिरंगे पक्षी अपनी मधुर वाणी और सौन्दर्य से हमारा मनोरंजन करते है| अपने स्वार्थ में मानव इतना अँधा हो जाता है कि वो स्वछन्द विचरते पशु-पक्षियों को कैद करके सर्कस में करतब दिखा ता है| चिड़ियाघर में उन्हें कैद करके पैसा वसूलता है|  ट्रेनिंग के नाम पर उन पशु-पक्षियों को मार-पीटकर करतब सिखाये जाते है| चाहे उन्हें भरपेट खाना न मिले मनुष्य अपनी कमाई बढ़ा लेता है| ऐसे अनेकों उदाहरण मिलते है कि अपने मालिक की प्राणरक्षार्थ उसके पालतू कुत्ते या बिल्ली या अमुक जानवर ने अपने प्राण दे दिए| इतिहास में भी महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक, हाथी रामप्रसाद,कर्णसिंह के  घोड़े शुभ्रक का प्रसंग आता है| पशु-पक्षी ने सर्वदा स्नेह और लाभ दिया हा वहीं मनुष्य ने उनसे सिर्फ लिया ही है| सवारी के लिए घोड़े, हाथी , गधे, बैल, खच्चर आदि का उपयोग किया है| वजन उठाने के लिए इनका प्रयोग किया है| पूर्व में यही पशु गाड़ी में जोते जाकर आवागमन के साधन थे| गाय को अत्यंत पवित्र मानकर माता की पदवी दी जाती है| वर्तमान में हालात इतने शोचनीय है कि इन्हीं गायों बछड़ो को बूचडखाने में कत्लेआम किया जाता है| पक्षियों का चोरी-छिपे शिकार किया जाता है| राजस्थानमे चिंकारा हिरन को मारने के अभियोग में हाल ही में अभिनेता सलमान खान को बरी कर दिया गया| राष्ट्रीय पशु बाघ और पक्षी मोर तो मानो शिकारियों की पहली पसंद है|



  अगर इसी गति से पशु-पक्षियों की अनदेखी होती रही तो वह दिन दूर नहीं जब हम अपनी आगामी पीढ़ी को ये जानवर चित्रों में या विडियो रेकोर्डिंग में दिखायेंगे| मकर संक्रांति पर हजारों पक्षी पतंग के धारदार धागे से कटकर अपनी जान गंवा बैठते है| बकरीद पर क़ुरबानी के नाम पर असंख्य बकरे काटे जाते है| कभी कोई जानवर मानव को नुकसान नहीं पहुचाता| वो मानव पर सिर्फ अपनी प्राण की रक्षा के समय आक्रमण करता है| फिर भी मानव उन्हें प्रेम देने के बजाय प्रताड़ना देता है जो अत्यंत अमानवीय है|   अत: सार रूप में कहा जा सकता है कि पशु-पक्षियों से प्रेम करना चाहिए| उनका उपयोग अवश्य करें पर अपनी मानवीय संवेदनाओ को जिन्दा रखते हुए| वे भी ईश्वर की ही रचना है अत: उनके साथ बर्बर व्यवहार न करे| अपनी आय का कुछ हिस्सा उनके दाने-पानी पर खर्च करें और अपना कुछ समय उनके सानिध्य में बिताये| इससे हमारा मानसिक और भावनात्मक संतुलन बरकरार रहेगा|

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