apne mitra ko patra likhiye jisme yah btaya gaya hai ki apki is saal ki garmi ki chuttiyaa kaise manai
Anonymous:
tujhe phone bhi nhi diya h
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hey.
नमस्कार मित्र!
101/ब/राज नगर,
दिल्ली।
दिनांक: .............
प्रिय मित्र,
मधुर स्नेह!
अब की गर्मियों की छुट्टियाँ बहुत ही अच्छी बीती क्योंकि इस बार में गर्मियों की छुट्टियों में मसूरी गया हुआ था। मेरी बहुत दिनों से पर्वतीय प्रदेश घूमने की इच्छा बनी हुई थी। परन्तु समय और साथ दोनों ही नहीं थे। इस बार पिताजी ने परिवार के साथ मसूरी घूमने का कार्यक्रम बनाया। मसूरी में ऊँचे-ऊँचे वृक्ष, घनी हरियाली, ऊँचे-ऊँचे पर्वत, झरने, घाटियों में गूँजती आवाज़ें सभी कुछ इतना सुंदर और अद्भुत था कि अब तक उसे भूल नहीं पाया हूँ।
मैं वहाँ के कैम्टी फाल, कंपनी गार्डन, लाल टिब्बा आदि स्थानों में घूमने गया था। वहाँ की चहल-पहल और शोभा देखते ही बनती थी। मॉल रोड़ में मैंने परिवार के साथ बहुत खरीदारी की और बड़ी मौज़-मस्ती भी की थी। यह एक सप्ताह कितने मज़े में निकला, कहते नहीं बनता। यह यात्रा मैं कभी भूल नहीं पाऊँगा। अगले वर्ष गर्मियों की छुट्टियों में हम यहाँ साथ जाएँगें।
पत्र समाप्त करता हूँ। घर में सभी बड़ों को मेरा नमस्कार कहना। तुम्हारे पत्र का इंतजार रहेगा, पत्र अवश्य लिखना।
तुम्हारा मित्र,
अ.ब.स
ढेरों शुभकामनाएँ!
नमस्कार मित्र!
101/ब/राज नगर,
दिल्ली।
दिनांक: .............
प्रिय मित्र,
मधुर स्नेह!
अब की गर्मियों की छुट्टियाँ बहुत ही अच्छी बीती क्योंकि इस बार में गर्मियों की छुट्टियों में मसूरी गया हुआ था। मेरी बहुत दिनों से पर्वतीय प्रदेश घूमने की इच्छा बनी हुई थी। परन्तु समय और साथ दोनों ही नहीं थे। इस बार पिताजी ने परिवार के साथ मसूरी घूमने का कार्यक्रम बनाया। मसूरी में ऊँचे-ऊँचे वृक्ष, घनी हरियाली, ऊँचे-ऊँचे पर्वत, झरने, घाटियों में गूँजती आवाज़ें सभी कुछ इतना सुंदर और अद्भुत था कि अब तक उसे भूल नहीं पाया हूँ।
मैं वहाँ के कैम्टी फाल, कंपनी गार्डन, लाल टिब्बा आदि स्थानों में घूमने गया था। वहाँ की चहल-पहल और शोभा देखते ही बनती थी। मॉल रोड़ में मैंने परिवार के साथ बहुत खरीदारी की और बड़ी मौज़-मस्ती भी की थी। यह एक सप्ताह कितने मज़े में निकला, कहते नहीं बनता। यह यात्रा मैं कभी भूल नहीं पाऊँगा। अगले वर्ष गर्मियों की छुट्टियों में हम यहाँ साथ जाएँगें।
पत्र समाप्त करता हूँ। घर में सभी बड़ों को मेरा नमस्कार कहना। तुम्हारे पत्र का इंतजार रहेगा, पत्र अवश्य लिखना।
तुम्हारा मित्र,
अ.ब.स
ढेरों शुभकामनाएँ!
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मेरे प्यारे साथी
मुझे इस पत्र को लिखने के लिए बहुत समय लगा |
क्योंकि मुझे तुमको एक बहुत ही लंबी गर्मी की छुट्टियों का अनुभव बताना है |
मैंने यात्रा और पर्वतारोहण से पूरे ग्रीष्मकालीन बिताया|
मैं कन्याकुमारी गया था और मैं समुद्र की सुंदरता और उदारता को देखकर आश्चर्यचकित हुआ |
सूर्योदय और सूर्यास्त को देखने पर, मुझे लगा कि हमारी प्रकृति ने हमें बहुत धन दिया है और हम इसे नष्ट कर रहे है|
राजसी विवेकानंद चट्टान को देखते हुए, मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि हम प्रकृति को बचाने के लिए पैदा हुए हैं ताकि इसे नष्ट न किया जा सके|
इस विचित्र यात्रा से मुझे साबित हुआ कि हमें संपत्ति और खजाने देने के लिए प्रकृति को सलाम करना चाहिए|
मुझे इस पत्र को लिखने के लिए बहुत समय लगा |
क्योंकि मुझे तुमको एक बहुत ही लंबी गर्मी की छुट्टियों का अनुभव बताना है |
मैंने यात्रा और पर्वतारोहण से पूरे ग्रीष्मकालीन बिताया|
मैं कन्याकुमारी गया था और मैं समुद्र की सुंदरता और उदारता को देखकर आश्चर्यचकित हुआ |
सूर्योदय और सूर्यास्त को देखने पर, मुझे लगा कि हमारी प्रकृति ने हमें बहुत धन दिया है और हम इसे नष्ट कर रहे है|
राजसी विवेकानंद चट्टान को देखते हुए, मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि हम प्रकृति को बचाने के लिए पैदा हुए हैं ताकि इसे नष्ट न किया जा सके|
इस विचित्र यात्रा से मुझे साबित हुआ कि हमें संपत्ति और खजाने देने के लिए प्रकृति को सलाम करना चाहिए|
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