Hindi, asked by manvee12, 10 months ago

Apne yogya daaton ka varnan dete Hue Prathmik Prathmik Shiksha Ke Pad Ke Liye Apne Jila ke Shiksha Adhikari ko aavedan Patra

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Answered by divya14321
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Answer:

दंतचिकित्सा (Dentistry) स्वास्थ्यसेवा की वह शाखा है, जिसका संबंध मुख के भीतरी भाग और दाँत आदि की आकृति, कार्यकरण, रक्षा तथा सुधार और इन अंगों तथा शरीर के अंत:संबंध से है। इसके अंतर्गत शरीर के रोगों के मुख संबंधी लक्षण, मुख के भीतर के रोग, घाव, विकृतियाँ, त्रुटियाँ, रोग अथवा दुर्घटनाओं से क्षतिग्रस्त दाँतों की मरम्मत और टूटे दाँतों के बदले कृत्रिम दाँत लगाना, ये सभी बातें आती हैं। इस प्रकार दंतचिकित्सा का क्षेत्र लगभग उतना ही बड़ा है, जितना नेत्र या त्वचाचिकित्सा का। इसका सामाजिक महत्व तथा सेवा करने का अवसर भी अधिक है। दंतचिकित्सक का व्यवसाय स्वतंत्र संगठित है और यह स्वास्थ्यसेवाओं का महत्वपूर्ण विभाग है। दंतचिकित्सा की कला और विज्ञान के लिये मुख की संरचना, दाँतों की उत्पत्ति विकास तथा कार्यकरण और इनके भीतर के अन्य अंगों और ऊतकों तथा उनके औषधीय, शल्य तथा यांत्रिक उपचार का समुचित ज्ञान आवश्यक है।

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