Apni behan ko patra likkar yogasan karne ke liye prerit kijiye in hindi
Answers
Answer:
19, बीसवाँ मील,
सोनीपत,
हरियाणा।
दिनांक 21 मार्च, 20XX
प्रिय भाई भूपेन्द्र
खुश रहो !
कल तुम्हारा पत्र मिला। मुझे यह पढ़कर अत्यन्त हर्ष हुआ कि तुम परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हो। परिवार के सभी लोग चाहते हैं कि तुम परिश्रम से पढ़ो और अच्छे अंक प्राप्त करो।
बन्धु, मैं भली-भाँति जानता हूँ कि तुम कर्त्तव्यनिष्ठ हो। फिर भी मैं तुम्हारा ध्यान कुसंगति के कुप्रभाव की ओर आकृष्ट कर रहा हूँ। कुसंगति एक संक्रामक रोग की भाँति हैं। जब यह रोग किसी को लग जाता हैं, तो वह बड़ी कठिनाई से ही उससे मुक्त हो पाता हैं। एक बड़े विद्वान ने कुसंगति की उपमा विषम ज्वर से दी हैं। जिस प्रकार विषम ज्वर शीघ्र छूटता नहीं, उसी प्रकार कुसंगति का प्रभाव भी शीघ्र समाप्त नहीं हो पाता। बड़े-बड़े मनीषी तक कुसंगति में पड़ कर अपने जीवन को बर्बाद कर देते हैं। अतः इससे बचने का प्रयास करना चाहिए।
प्रिय अनुज, मुझे तुम पर पूरा भरोसा हैं। तुम सदैव कुसंगति से बचने का प्रयास करते रहोगे। सद् इच्छा के लिए तुम्हारी दृढ़ता और बुराइयों से बचने के लिए तुम्हारा साहस ही तुम्हें सफल बनाएगा।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा बड़ा भाई,
नरेन्द्र
Priya Chutti yah Patra main Tumhen yogasan karne ke liye Ye Likh Rahi hi hun yoga Hamare isliye bahut Jaruri hoti hai Kyunki yoga Hamare tan aur man Ko Swasth rakhti hai yoga se Sab hoga yoga karne se a Hamari tension kam hoti hai hai aur man Swasth rahata hai yoga Hamare tan ko Swasthya rakhti hai Kitni Hamare Liye padhai jaruri hai utani hi yoga jaruri hai yoga Toma Shobha uth kar yoga karne se a 1 ghante pahle Tumhen Pani Pi Lena yoga Tum khana khae Bina Karte Hain
Asha hai hai ki Tumhe a Meri Baat pasand aayi Hogi yoga Jarur karna
Tumhari Badi bahan
xyz
Explanation: