Hindi, asked by apritam6603, 11 months ago

Apni kisi romanchak yatra par kavita.

Answers

Answered by choudhary21
2
Hello dear good evening......

कांधे पर लाद..............

अपना घर...............

इक और आंगन की तलाश................

फ़िर,चल दिये हम................

चौड़ी होती सडको...............

अधाधुंध उगती इमारतो..............

के नीचे,..................

दब जाती है..................

हमारी छत,..................

बिला जाता है................

तुलसी का बिरवा,................

सूख जाती है...................

वह इकलौती.....................

गुलाब की टहनी...............

हर बार......................

नये सिरे से बेघर होने का दर्द.................

फ़ांस की तरह कसकता है...................

पर...............

कही दूर..............

धरती का एक टुकड़ा..................

हमारा आंगन होने की.................

प्रतीक्षा करता है......................

hope help u
Answered by Anonymous
0
Hello dear good evening......

कांधे पर लाद..............

अपना घर...............

इक और आंगन की तलाश................

फ़िर,चल दिये हम................

चौड़ी होती सडको...............

अधाधुंध उगती इमारतो..............

के नीचे,..................

दब जाती है..................

हमारी छत,..................

बिला जाता है................

तुलसी का बिरवा,................

सूख जाती है...................

वह इकलौती.....................

गुलाब की टहनी...............

हर बार......................

नये सिरे से बेघर होने का दर्द.................

फ़ांस की तरह कसकता है...................

पर...............

कही दूर..............

धरती का एक टुकड़ा..................

हमारा आंगन होने की.................

प्रतीक्षा करता है......................

hope help u
Similar questions