Appreciation of the poem in Hindi giridhar nagar 10std
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रचनाकार का नाम संत मीराबाई है।
रचना का प्रकार पद है।
इस रचना में पसंदीदा पंक्ति निम्नलिखित है:-
मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई
इस रचना में ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव दर्शाया गया है। मीराबाई ने ईश्वर की भक्ति में अपना सबकुछ छोड़ कर लीन है। इस घटना को बहुत ही सुन्दर ढंग से बताया गया है।
इस रचना के द्वारा भक्ति के मार्ग को प्रशस्त करने को दर्शाया गया है। इसमें बताया गया है कि निस्वार्थ भक्ति ही सही है । भक्ति और प्रेम प्राप्त करने की इच्छा में देने का भाव भी होना चाहिए यह इस रचना में समझाया गया है।
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निमनलिखित मुद्दो के आधार पर गिरीधर नागर पद्य का विश्लेषण किजिए
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