अर्थ बताइए?
दुनिया की सारी गंदगी के बीच दुनिया की सारी खुशबू रचते हैं हाथ,
Answers
दुनिया की सारी गंदगी के बीच दुनिया की सारी खुशबू रचते हैं हाथ,
इन पंक्तियों का भावार्थ है कि...
जो दूसरों के जीवन में तो खुश्बू बिखेरतै हैं, लेकिन उनके जीवन में कोई खुश्बू नही है। कवि यहां पर कारखानों में अगरबत्ती बनाने वाले लोगों की जिंदगी का चित्रण करते उदाहरण देते हुए कहता है कि खुशबूदार अगरबतियां बनाने वाले लोग जो दूसरों के घर में सुगंध बिखरते हैं लेकिन उनके घर में बदबू है। अर्थात चारों तरफ गंदगी और दुर्गंध जैसी दयनीय स्थिति में काम करने वाले लोग अगरबत्तियां बनाकर दूसरों के जीवन में सुगंध बिखेरते हैं।
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खुशबू रचते हैं हाथ कविता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
https://brainly.in/question/27465087
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Answer:
Explanation:
दुनिया की सारी गंदगी के बीच दुनिया की सारी खुशबू रचते हैं हाथ,
इन पंक्तियों का भावार्थ है कि...
जो दूसरों के जीवन में तो खुश्बू बिखेरतै हैं, लेकिन उनके जीवन में कोई खुश्बू नही है। कवि यहां पर कारखानों में अगरबत्ती बनाने वाले लोगों की जिंदगी का चित्रण करते उदाहरण देते हुए कहता है कि खुशबूदार अगरबतियां बनाने वाले लोग जो दूसरों के घर में सुगंध बिखरते हैं लेकिन उनके घर में बदबू है। अर्थात चारों तरफ गंदगी और दुर्गंध जैसी दयनीय स्थिति में काम करने वाले लोग अगरबत्तियां बनाकर दूसरों के जीवन में सुगंध बिखेरते हैं।