अर्थ के आधार पर वाक्य भेद का चार्ट एव वाक्य रूपातरंन का दस उदाहरण
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अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर 8 प्रकार के वाक्य होते हैं -
विधान वाचक वाक्य
निषेधवाचक वाक्य
प्रश्नवाचक वाक्य
विस्म्यादिवाचक वाक्य
आज्ञावाचक वाक्य
इच्छावाचक वाक्य
संकेतवाचक वाक्य
संदेहवाचक वाक्य
1. विधानवाचक सूचक वाक्य -
वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है।
उदाहरण -
भारत एक देश है।
राम के पिता का नाम दशरथ है।
दशरथ अयोध्या के राजा हैं।
2. निषेधवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
मैंने दूध नहीं पिया।
मैंने खाना नहीं खाया।
3. प्रश्नवाचक वाक्य -
वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार प्रश्न किया जाता है, वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है।
उदाहरण -
भारत क्या है?
राम के पिता कौन है?
दशरथ कहाँ के राजा है?
4. आज्ञावाचक वाक्य -
वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना किया जाता है, वह विधिसूचक वाक्य कहलाता हैं।
उदाहरण -
बैठो।
बैठिये।
कृपया बैठ जाइये।
शांत रहो।
कृपया शांति बनाये रखें।
5. विस्मयादिवाचक वाक्य -
वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिवाचक वाक्य कहलाता हैं।
उदाहरण -
अहा! कितना सुन्दर उपवन है।
ओह! कितनी ठंडी रात है।
बल्ले! हम जीत गये।
6. इच्छावाचक वाक्य -
जिन वाक्यों में किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
भगवान तुम्हेँ दीर्घायु करे।
नववर्ष मंगलमय हो।
7. संकेतवाचक वाक्य-
जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
राम का मकान उधर है।
सोनु उधर रहता है।
8. संदेहवाचक वाक्य -
जिन वाक्यों में संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
क्या वह यहाँ आ गया ?
क्या उसने काम कर लिया ?
Explanation:
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर 8 प्रकार के वाक्य होते हैं -
विधान वाचक वाक्य
निषेधवाचक वाक्य
प्रश्नवाचक वाक्य
विस्म्यादिवाचक वाक्य
आज्ञावाचक वाक्य
इच्छावाचक वाक्य
संकेतवाचक वाक्य
संदेहवाचक वाक्य
1. विधानवाचक सूचक वाक्य -
वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है।
उदाहरण -
भारत एक देश है।
राम के पिता का नाम दशरथ है।
दशरथ अयोध्या के राजा हैं।
2. निषेधवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
मैंने दूध नहीं पिया।
मैंने खाना नहीं खाया।
3. प्रश्नवाचक वाक्य -
वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार प्रश्न किया जाता है, वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है।
उदाहरण -
भारत क्या है?
राम के पिता कौन है?
दशरथ कहाँ के राजा है?
4. आज्ञावाचक वाक्य -
वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना किया जाता है, वह विधिसूचक वाक्य कहलाता हैं।
उदाहरण -
बैठो।
बैठिये।
कृपया बैठ जाइये।
शांत रहो।
कृपया शांति बनाये रखें।
5. विस्मयादिवाचक वाक्य -
वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिवाचक वाक्य कहलाता हैं।
उदाहरण -
अहा! कितना सुन्दर उपवन है।
ओह! कितनी ठंडी रात है।
बल्ले! हम जीत गये।
6. इच्छावाचक वाक्य -
जिन वाक्यों में किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
भगवान तुम्हेँ दीर्घायु करे।
नववर्ष मंगलमय हो।
7. संकेतवाचक वाक्य-
जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
राम का मकान उधर है।
सोनु उधर रहता है।
8. संदेहवाचक वाक्य -
जिन वाक्यों में संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
क्या वह यहाँ आ गया ?
क्या उसने काम कर लिया ?