अर्थ लिखें:
चलामि मार्गे जले तरामि,
क्रीडामि क्षेत्रे सदा हसामि।
पठामि गेहे कथां श्रृणोमि,
नद्याः तीरे अहं भ्रमामि।।
Answers
Answered by
17
उत्तरम् -> प्रसंग -> प्रस्तुत पंक्तियाँ संस्कृत की पाठ्य पुस्तक से ली गई हैं| प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने अपनी दिनचर्या का बहुत सुन्दर तरीके से वर्णन किया है|
सरलार्थ -> मैं रास्ते पर चलता हूँ पानी में तैरता हूँ, खेल के मैदान में खेलता हूँ और सदा हँसता हूँ| घर पर पढ़ता हूँ, कहानी सुनता हूँ, नदि के किनारे मैं घूमता हूँ|
Answered by
0
Answer:
'क्रीडामि ' शब्द मेंप्रयक्ुत लकार व परुुष लि खें।
Similar questions